Himachal News: विदेश की पढ़ाई के तौर-तरीके अपना रहा हिमाचल? प्रदेश के 200 शिक्षकों को भेजा गया था सिंगापुर
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश में सरकार ने 200 शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट पर सिंगापुर (Singapore Visit Himachal Teachers) भेजा था। इन अध्यापकों से विदेश भेजने के समय शर्त लगाई गई कि वापस लौटने पर इन सभी शिक्षकों की नियुक्ति मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूलों में होगी। लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी इन शिक्षकों का तबादला नहीं हो पाया है।

जागरण संवाददाता, शिमला। शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए सरकार ने 200 शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट पर सिंगापुर भेजा।
विदेश भेजने के समय शर्त लगाई गई कि वापस लौटने पर इन सभी शिक्षकों की नियुक्ति मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूलों में होगी। इस बाबत लिखित में मंजूरी भी ली गई।
चार महीने बीतने के बाद भी विभाग इन शिक्षकों का तबादला नहीं कर पाया है। ये सभी शिक्षक अभी भी उन्हीं स्कूलों में कार्यरत हैं जहां पर पहले थे।
इनमें कुछेक शिक्षक तो ऐसे हैं जो स्कूलों के बजाए ऑफिस में ही सेवाएं दे रहे हैं। शिक्षक तबादले के लिए तैयार हैं। लेकिन अब विभाग ही इस पर निर्णय नहीं ले पा रहा है।
बच्चे कम होने पर मिलेगा स्कूल ऑफ एक्सिलेंस
सूत्रों की मानें तो विभाग ने इन्हें बदलने के लिए अब नई शर्त लगा दी है। इसके अनुसार शिक्षक जिन स्कूलों में कार्यरत हैं यदि वहां पर बच्चों की संख्या ज्यादा है तो इन्हें नहीं बदला जाएगा। यदि बच्चे कम हैं तब उन्हें बदल कर मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सिलेंस में तैनात किया जाएगा।
जब कि पहले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्कूलों में तैनात करने की योजना थी ताकि इन स्कूलों को बेहतर बनाया जा सकें। सचिव ने की थी बैठक, पूछा था क्या बदलाव करोगे।
सचिव शिक्षा राकेश कंवर ने हाल ही में इन शिक्षकों के साथ फीडबैक मीटिंग की थी। इस में इन शिक्षकों से पूछा गया था कि विदेश में जाकर क्या सीखा। इसे स्कूलों में कैसे लागू करेंगे।
कई शिक्षकों ने इसको लेकर प्रेजेंटेशन भी दी थी। शिक्षकों का एक वॉटसएप ग्रुप बनाया गया है। इसमें इनसे रूटीन में फीडबैक लिया जा रहा है।
सबसे ज्यादा जेबीटी शिक्षक गए थे विदेश
शिक्षा विभाग ने 200 शिक्षकों को विदेश भेजा था। इसमें सबसे ज्यादा 50 जेबीटी, हेड टीचर और सेंटर हेड टीचर थे।
इसके अलावा टीजीटी 25, सीएंडवी 25, लेक्चर 30, हेडमास्टर 20, प्रिंसिपल 45 और डीपीई पांच शिक्षक थे। अंकों के आधार पर इनका चयन किया था। जेबीटी, एचटी और सीएसटी के लिए 17 नंबर का क्राइटेरिया था।
राजेश शर्मा समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि विदेश दौरे से वापस लौटे शिक्षकों के साथ फीडबैक बैठक हो चुकी है। अभी ये शिक्षक उन्हीं स्कूलों में कार्यरत हैं। एसएसए इसका आकलन कर रहा है कि विदेश में जाकर क्या सीखा व स्कूलों में कैसे इसे लागू किया गया है।
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