Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमाचल में मस्जिद के बाद अब आधार कार्ड पर विवाद, शिमला में 88 में से 46 मुस्लिम कारोबारियों की जन्मतिथि एकसमान

    Updated: Fri, 20 Sep 2024 12:40 PM (IST)

    Himachal Mosque Row हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था कि अब आधार कार्ड पर भी चर्चा शुरू हो गई। दरअसल गुम्मा व्यापार मंडल के अंतर्गत कुछ दुकानों को मुस्लिम कारोबारियों ने व्यापार के लिए किराए पर लिया है। दस्तावेजों की जांच के दौरान कुल 86 कारोबारियों ने आधार कार्ड सौंपे जिसमें से 46 की जन्मतिथि एक जैसी पाई गई।

    Hero Image
    Himachal Mosque Row: हिमाचल में मस्जिद विवाद के बाद आधार कार्ड पर बवाल

    जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Mosque Row: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के गुम्मा में बड़ी संख्या में अन्य राज्यों से आए मुस्लिम कारोबारियों के दस्तावेजों की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

    गुम्मा व्यापार मंडल के अंतर्गत कुछ दुकानों को मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों ने किराये पर लिया है। व्यापार मंडल ने इन व्यापारियों के आधार कार्ड एकत्रित किए। कुल 86 कारोबारियों ने आधार कार्ड सौंपे, जिसमें से 46 की जन्मतिथि एक जैसी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'दुकान खोलने की न दी जाए अनुमति'

    गुम्मा व्यापार मंडल ने एसडीएम कोटखाई से आधार कार्डों की सत्यता की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि व्यापारी दुकानों को संचालित करने से पहले दस्तावेज जमा करवाएं। जब तक यह दस्तावेज सत्यापित नहीं हो जाते, तब तक उन्हें दुकानें खोलने की अनुमति न दी जाए।

    '15 दिनों के अंदर दस्तावेज जमा नहीं किए तो होगा आंदोलन'

    उधर, कोटखाई में भी व्यापार मंडल के प्रधान मदन गांगटा की अध्यक्षता में व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने तहसील कार्यालय और पुलिस थाने में भी मांगपत्र सौंपा है।

    इसमें अन्य राज्यों से बिना दस्तावेजों के आए लोगों के दस्तावेजों की जांच करने की मांग की गई। चेतावनी दी है कि यदि व्यापारियों ने 15 दिन के भीतर आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं किए तो आंदोलन किया जाएगा।

    हिंदू संगठनों का जारी है विरोध-प्रदर्शन

    उल्लेखनीय है कि शिमला के संजौली, मंडी व बिलासपुर जिलों में मस्जिदों के अवैध निर्माण के विरोध में हिंदू संगठन आंदोलन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में मुस्लिम आए हैं लेकिन वे थानों में पंजीकरण नहीं करवाते और न ही दस्तावेजों का सत्यापन करवाते हैं। 

    यह भी पढ़ें- हिमाचल में नहीं थम रहा मस्जिद विवाद, संजौली के बाद कुसुम्पटी में नमाज का विरोध करेंगे लोग, दावा- आजादी से पहले की है