शिमला विधि विश्वविद्यालय जूनियर छात्र से मारपीट, एंटी रैगिंग कमेटी करेगी मामले की जांच
शिमला के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में एक जूनियर छात्र ने सीनियर्स पर मारपीट का आरोप लगाया है। छात्र ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है जिसमें सात छात्रों के नाम हैं और 25 पर सामूहिक रूप से मारपीट का आरोप है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को एंटी रैगिंग कमेटी को भेजा है जिसकी रिपोर्ट दो दिन में आएगी। छात्र का आरोप है कि उसे घेरकर गालीगलौज की गई।

जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में जूनियर छात्र ने सीनियर पर पिटाई का आरोप लगाया है। जूनियर छात्र ने पुलिस चौकी धामी में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस में दर्ज एफआइआर में विश्वविद्यालय के सात छात्रों के नाम दर्ज हैं, जबकि 25 छात्रों पर सामूहिक रूप से छात्र से पिटाई करने का आरोप लगाया गया है।
वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह मामला एंटी रैगिंग कमेटी को भेजा है, दो दिन बाद इसकी रिपोर्ट आएगी। विधि विश्वविद्यालय में 2025 बैच के छात्र अविरल पांडे ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 30 अगस्त की रात लगभग एक बजे चौथे और पांचवें वर्ष के लगभग 25 छात्र उसे पीटने की धमकी देने लगे। आरोप है कि सीनियर ने एक छात्रा को लेकर गलत आरोप लगाते हुए उसे बदनाम करने की कोशिश की और अगली सुबह पिटाई की चेतावनी दी।
31 अगस्त की दोपहर करीब तीन बजे मड़ौग हास्टल के सामने छात्रों ने उसे घेर कर गालीगलौज कर जान से मारने की कोशिश की। आरोपितों ने धमकाया कि अगर उसने आवाज उठाई तो उस पर एससी/एसटी एक्ट लगाकर फंसाया जाएगा। छात्र का कहना है कि जब उसने आत्मरक्षा के लिए पाकेट नाइफ निकाली तो उसे और ज्यादा पीटने की धमकी दी गई। वह वहां से भागा और पुलिस को फोन किया। छात्र ने आरोप लगाया कि आरोपितों ने उसके विरुद्ध झूठी शिकायत विश्वविद्यालय प्रबंधन के पास भी दर्ज करवाई है।
शिकायत में सिद्धांत सिंह, रोहित चौहान, प्रभात जैन, रोहनित जिंदल, राहुल मीणा, आदित्य ठाकुर, प्रियांशु सहित सहित अन्य के नाम शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। वहीं छात्र ने विश्वविद्यालय के कुलपति को भी इस बारे में शिकायत पत्र लिखा है।
विभिन्न कमेटियां कर रहीं पिटाई के मामले की जांच विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि जूनियर छात्र के साथ पिटाई के मामले में विश्वविद्यालय की विभिन्न कमेटियों ने जांच आरंभ कर दी है। 48 घंटे के अंदर कमेटियों की ओर से इसकी रिपोर्ट दी जाएगी।
रिपोर्ट के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन आगामी कार्रवाई करेगा। विश्वविद्यालय में गठित एंटी रैगिंग कमेटी भी मामले की जांच कर रही है। कमेटी की जांच में अगर यह रैगिंग का मामला पाया जाता है, तो फिर दोषी छात्रों पर दोहरी कार्रवाई हो सकती है।
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