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    हिमाचल में जमीन खरीदना और रजिस्ट्रेशन करना हुआ महंगा, राजस्व शुल्क में भारी बढ़ोतरी

    Updated: Wed, 18 Jun 2025 09:13 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में भूमि रजिस्ट्री कराना और महंगा हो गया है। सरकार ने राजस्व संबंधी शुल्कों में भारी वृद्धि की है जिससे आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। रजिस्ट्री गिफ्ट डीड तबादला और पारिवारिक व्यवस्था जैसे कार्यों के शुल्क बढ़ गए हैं। जमाबंदी और अन्य राजस्व दस्तावेजों के लिए भी अब अधिक भुगतान करना होगा। अधिकांश शुल्कों में दो गुना से अधिक की बढ़ोतरी की गई है।

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    प्रदेश में भूमि खरीदना और भूमि पंजीकृत करवाना हुआ महंगा (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में लोगों पर और महंगाई की मार पड़ी है। राज्य में भूमि खरीदना यानि भूमि की रजिस्ट्री करवाना महंगा हो गया है। साथ ही गिफ्ट डीड, तबालदा, पारिवारिक व्यवस्था आदि करवाना भी महंगा हो गया है। इसके अलावा जमाबंदी, मुसब्बी, राजस्व संबंधी प्रमाण पत्र लेने के लिए भी लोगों को अतिरिक्त राशि चुकानी होगी। अधिकांश के शुल्क में दो गुना से अधिक की बढ़ौतरी की गई है। राज्य सरकार ने विभिन्न कार्यों के लिए राजस्व संबंधित शुल्कों में बढ़ोतरी की है।

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    इससे संबंधित जारी अधिसूचना को सरकार ने बुधवार को राजपत्र में प्रकाशित किया है। इसी के साथ यह बढ़े हुए शुल्क राज्य में लागू भी हो गए है। नए आदेशों के तहत बुक 1 में पंजीकृत सभी दस्तावेजों के लिए 590 रुपए का शुल्क अदा करना होगा। पहले इसके लिए 400 रुपए का शुल्क अदा करना होता था। बुक 1 में रजिस्ट्री यानि सेल डीड, भूमि का तबादला, पारिवारिक व्यवस्था आदि आते है।

    इसी तरह बुक 3 व 4 में पंजीकृत सभी दस्तावेजों के लिए 354 रुपए का शुल्क अदा करना होगा। पहले इसमें लिए 150 रुपए का शुल्क लगता था। बुक 3 में बसीहत तथा बुक 4 में जी.पी.ए. आदि से संबंधित दस्तावेज आते है। यानि सरकार ने बसीहत व जी.पी.ए. आदि को लिए जाने वाले शुल्क में दो गुना से अधिक बढ़ौतरी की है। इसी तरह लोक मित्र केंद्रों से लिए जाने वाले दस्तावेजों के शुल्क में भी बढ़ौतरी की गई है।

    इसके तहत लोक प्रमाण लेने के लिए अब 24 रुपए चुकाने होंगे। पहले इसके लिए पहले 10 से 20 रुपए लगते थे। इसी तरह नकल जमाबंदी व मुसब्बी की कॉपी लेने के लिए 20-20 रुपए तथा लैंड रिकॉर्ड की कॉपी के लिए एप्लीकेशन के लिए 15 रुपए का शुल्क लगेगा। पहले इसके लिए 10 रुपए लगतेे थे। ऐसे में अब लोगों को राजस्व संबंधी दस्तावेज लेने के लिए अतिरिक्त शुल्क अदा करना होगा।

    अधिसूचना में साफ किया गया है कि यह शुल्क हर 3 वर्ष के बाद बढ़ेंगे। 3 वर्ष के बाद इसमें 10 फीसदी की बढ़ौतरी की जाएगी। इन सभी सेवाओं पर जी.एस.टी. भी लगाया गया है। जो तय की गई दर में ही शामिल है। तय की गई राशि से 10 फीसदी राशि निदेशक लैंड रिकार्ड के खाते में जमा किए जाएंगे।

    इसके तहत बुक 1 में लिए जाने वाले शुल्क से 50 रुपए, बुक 3 व 4 के दस्तावेजों को लिए जाने वाले शुल्क से 30 रुपए तथा लोक प्रमाण के शुल्क में से 2 रुपए निदेशक लैंड रिकॉर्ड के खाते में जमा करवाए जाएंगे। इसी तरह जमाबंदी पर 2 रुपए, मुसब्बी पर 3 रुपए निदेशक लैंड रिकॉर्ड के खाते में जमा होगे। शेष राशि जिला ई-गोवर्नेंस सोसायटी तथा आई.टी. विभाग की ई-गोवर्नेंस सोसायटी के खाते में जाएंगे।