NHM के तहत दिए 521 करोड़ रुपये के खर्च की जांच करे केंद्र, हिमाचल हाई कोर्ट ने दिए आदेश
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत हिमाचल को दिए 521.68 करोड़ रुपये के खर्च की जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव द्वारा दिए विवरण को अस्पष्ट बताते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी जानकारी मांगी है कि स्थानांतरित किए गए कितने चिकित्सा अधिकारियों ने नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण किया है

विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत हिमाचल को दिए 521.68 करोड़ रुपये के खर्च की जांच करने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने ये आदेश स्वास्थ्य सचिव द्वारा इस संबंध में दिए विवरण को अस्पष्ट बताते हुए दिए। हाई कोर्ट ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 521.68 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता के उपयोग के बारे में सभी आवश्यक विवरण की जानकारी देने के आदेश जारी किए थे।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने इसके बारे में स्वास्थ्य सचिव के शपथपत्र को अस्पष्ट बताते हुए केंद्र सरकार को आदेश दिए कि वह राज्य सरकार द्वारा दिए विवरण सत्यापन करने के पश्चात चार सप्ताह के भीतर जरूरी शपथपत्र दायर करे।
कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को यह बताने के आदेश भी दिए थे कि दिसंबर 2024 में स्थानांतरित किए गए 93 चिकित्सा अधिकारियों में से कितनों ने वास्तव में नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण किया है।
कार्यमुक्त होने के बावजूद कितने डॉक्टरों ने अपने नए स्टेशनों पर कार्यभार क्यों नहीं संभाला और क्या उक्त अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने 21 डॉक्टरों के स्थानांतरण आदेशों को रद करने के कारण भी पूछे थे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव द्वारा दायर शपथपत्र का अवलोकन करने पर पाया कि 11 डॉक्टरों को अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में समायोजित किया गया है और 93 डॉक्टरों में से 32 के स्थानांतरण रद कर दिए हैं, जिन्हें 23 दिसंबर 2024 की अधिसूचना के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि स्पष्ट रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कम से कम 43 स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है।
सरकार का कहना था कि 11 और डॉक्टरों को विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात करने का आदेश दिया है और वे सभी मार्च से जून, 2025 के बीच कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि अब भी कम से कम 32 और डॉक्टरों की कमी है जिन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किया जाना है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के पश्चात हाई कोर्ट ने उपरोक्त आदेश जारी किए हैं।
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