राज्यसभा चुनाव में रिश्वत देने का मामला: चैतन्य शर्मा के पिता की याचिका खारिज, FIR में आखिर लिखा क्या था
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में रिश्वत देने के मामले में चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि एफआईआर और अभियोजन पक्ष के सबूतों से रिश्वतखोरी का पता चलता है। कोर्ट ने जांच जारी रखने की अनुमति दी और याचिका रद्द कर दी लेकिन स्पष्ट किया कि टिप्पणियां मामले के गुण-दोष पर असर नहीं डालेंगी।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने विधायक आशीष शर्मा व चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा की याचिका खारिज कर दी है।
हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एफआईआर में लिखे गए आरोप और अभियोजन पक्ष द्वारा एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए रिश्वत स्वीकार की गई थी। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार एफआईआर को रद्द नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि जांच जारी है और एफआईआर में संज्ञेय अपराध का खुलासा हुआ है। जांच अधिकारी को जांच पूरी करने की अनुमति दिए बिना इस स्तर पर इसे रद्द करना जल्दबाजी होगी। इसलिए, इस याचिका को खारिज किया जाता है।
हालांकि कोर्ट ने अंत में फैसला सुनाते हुए कहा कि कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियां केवल वर्तमान याचिका के निपटारे के संबंध में हैं और इसका मामले के गुण-दोष पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस मामले में प्रार्थियों ने वैकलिप राहत के तौर पर मामले की जांच सीबीआई से करवाने की गुहार भी लगाई थी। इसलिए उन्होंने सीबीआई को भी प्रतिवादी बनाया था।
राकेश शर्मा की याचिका खारिज
न्यायाधीश राकेश कैंथला ने दोनों प्रार्थियों द्वारा संयुक्त रूप से दायर इस याचिका को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि कांग्रेस के विधायक एवं मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी व विधायक भुवनेश्वर गौड़ के शिकायत पत्र पर बालूगंज पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 171 ए और 171 सी, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 8 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
एफआईआर में राज्यसभा चुनाव को प्रभावित करने का आरोप
एफआईआर में बागी विधायक के पिता और निर्दलीय विधायक पर राज्यसभा चुनाव को गलत तरीके से प्रभावित करने का आरोप है। शिकायतकर्ताओं ने दोनों पर वोटों की खरीद-फरोख्त करने, रिश्वत एवं पैसों के लेन-देन के आरोप लगाए हैं।
शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने सरकार गिराने के लिए साजिश रची। शिकायतकर्ताओं ने हमीरपुर के निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और अयोग्य विधायक चेतन्य शर्मा के पिता के बैंक खातों की जांच कराए जाने की भी मांग की थी। दोनों प्रार्थियों ने एफआईआर को रद्द करने की हाईकोर्ट से गुहार लगाई गई थी।
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