हिमाचल: सरकार और राजभवन में फिर टकराव की संभावना, ...तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को ढाल बनाकर होगी कुलपति नियुक्ति?
हिमाचल प्रदेश में कृषि व बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को लेकर सरकार और राजभवन में फिर टकराव की संभावना है। सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए अधिसूचना जारी करने की तैयारी में है, जिसके अनुसार कुलपति की नियुक्ति का अधिकार सरकार के पास होगा। संशोधित विधेयक विधानसभा में पारित किया गया था, लेकिन राजभवन से मंजूरी का इंतजार है।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश कृषि व बागबानी विवि में कुलपति की नियुक्ति मामले को लेकर एक बार फिर सरकार व राजभवन में टकराव की संभावना है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को ढाल बनाकर इसकी अधिसूचना करने की तैयारी में है।
विभाग की ओर से इस मामले की फाइल सचिव विधि विभाग को भेजी गई है। विधि विभाग से फाइल की मंजूरी मिलने के बाद सरकार इसकी अधिसूचना जारी कर देगी। इसके तहत कृषि और बागवानी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति का अधिकार क्षेत्र सरकार के पास होगा।
संशोधन विधेयक किया था पारित
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य सरकार ने इसको लेकर संशोधन विधेयक पारित किया था। सरकार पहले भी इसको लेकर विधेयक पारित कर चुकी थी, जिसे राजभवन से मंजूरी नहीं मिली थी।
राजभवन ने मांगी थी अतिरिक्त जानकारी
विधानसभा से मंजूरी मिलने के बाद संशोधित विधेयक को मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था। राजभवन ने इस पर सरकार से कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अधिसूचना जारी करने की तैयारी
अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को ढाल बनाकर सरकार ने अधिसूचना जारी करने की पूरी तैयारी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार विधानसभा से विधेयक पारित करने के एक महीने के भीतर निर्णय हो जाना चाहिए।
निर्णय में मंजूरी या इंकार दोनों हो सकते हैं। जो विधेयक दूसरी बार पारित होकर राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, उस पर एक महीने का समय राजभवन के पास होता है। जबकि पहली बार जो विधेयक पारित होगा उस पर फैसला लेने के लिए तीन महीने के भीतर लिया जाना चाहिए। इसको लेकर अधिसूचना जारी हो जाती है तो फिर इन दोनों विवि में कुलपति की नियुक्ति राज्य सरकार करेगी।
26 सितंबर तक मिलनी चाहिए थी मंजूरी
26 सितंबर तक इस विधेयक को राजभवन से मंजूरी मिलनी चाहिए थी। अधिसूचना जारी होने के बाद फिर राज्यपाल का इन दोनों विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति का अधिकार समाप्त हो जाएगा।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: 356 दिन से कांग्रेस संगठन के गठन का इंतजार, 50 से अधिक बैठकें बेनतीजा; CM के दौरे के बीच अब नई तिथि के कयास
विधानसभा में इसको लेकर संशोधित विधेयक पारित कर राजभवन को इसे भेजा गया था। जिसकी अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। यह मामला विधि विभाग को भेजा गया है। विधि विभाग से मंजूरी मिलने के बाद इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
-जगत सिंह नेगी, राजस्व एवं बागवानी मंत्री।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।