आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार, बल्क ड्रग फार्मा पार्क में 1000 करोड़ निवेश के लिए तलाशेगी हिस्सेदार
Himachal News बल्क ड्रग फार्मा स्थापित करने के लिए विशाखापतनम में स्थापित निजी क्षेत्र के बल्क ड्रग फार्मा पार्क का अध्ययन करने के लिए अधिकारियों की एक टीम उद्योग विभाग के निदेशक राकेश प्रजापति के नेतृत्व में रवाना हो गई है। इस टीम में अतिरिक्त निदेशक तिलकराज शर्मा के अतिरिक्त विभाग के दूसरे अधिकारी भी शामिल रहेंगे। पहली बार जल शक्ति विभाग के अधिकारी भी इस टीम में शामिल हैं।

राज्य ब्यूरो, शिमला: आर्थिक संकट से जूझ रही प्रदेश सरकार के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है, ऐसे में सरकार बल्क ड्रग फार्मा पार्क में 1000 करोड़ की हिस्सेदारी के लिए पार्टनर तलाशेगी। सरकार का ऐसा आकलन है कि बल्क ड्रग फार्मा पार्क की लागत 2400 करोड़ रुपये तक पहुंचेगी।
केंद्र से मिले 325 करोड़
इस पार्क के लिए केंद्र सरकार एक हजार करोड़ रुपये चरणबद्ध ढंग से देगी, अभी तक पहली किश्त के तहत 325 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार को प्राप्त हो चुके हैं। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के लिए अपने स्तर पर बल्क ड्रग पार्क स्थापित करना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश के दो राज्य गुजरात और आंध्र प्रदेश भी इक्विटी पार्टनर तलाश रही है, जिसके तहत 51 फीसदी सरकार की और 49 फीसदी संबंधित कंपनी की हिस्सेदारी रहेगी। ऐसे में हमारे लिए भी निवेश हिस्सेदारों की आवश्यकता रहेगी।
उन्होंने कहा कि, देश में निजी क्षेत्र में विशाखापटनम में पहला बल्क ड्रग फार्मा पार्क है। कोरोना से पैदा हुई परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश में प्रयोग के आधार पर तीन बल्क ड्रग फार्मा पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया। जिसके तहत हमें भी एक पार्क मिला है।
बल्क ड्रग फार्मा पार्क स्थापित होने के आठ साल तक जीएसटी नहीं देना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पहली बार केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री तीनों राज्यों में स्थापित हो रहे बल्क ड्रग फार्मा पार्कों की स्थिति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने फार्मा पार्क को स्थापित करने के लिए पानी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जल शक्ति विभाग को काम सौंप दिया है।
पार्क में 120 मेगावाट बिजली की आवश्यकता को देखते हुए बीबीएमबी में प्रदेश की हिस्सेदारी से बिजली लेने की औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। अभी 15 मेगावाट बिजली लेने का कार्य शुरू हो चुका है। इसके अतिरिक्त पानी की जरूरत भी बीबीएमबी से पूरी की जाएगी।
ऊना जिले के हरोली क्षेत्र में स्थापित होने वाले बल्क ड्रग फार्मा पार्क के लिए पर्यावरण कंसलटेंट रखने की औपचारिकता पूरी की जा रही है। कई दूसरे कंसलटेंट रखने के लिए निविदा आमंत्रित की गई हैं। उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क में आगे चलकर 35 मेगावाट बिजली पैदा होगी और कंपनियों को उपयोग के लिए दी जाएगी।
निदेशक राकेश प्रजापति के नेतृत्व में टीम विशाखापतनम रवाना
बल्क ड्रग फार्मा स्थापित करने के लिए विशाखापतनम में स्थापित निजी क्षेत्र के बल्क ड्रग फार्मा पार्क का अध्ययन करने के लिए अधिकारियों की एक टीम उद्योग विभाग के निदेशक राकेश प्रजापति के नेतृत्व में रवाना हो गई है।
इस टीम में अतिरिक्त निदेशक तिलकराज शर्मा के अतिरिक्त विभाग के दूसरे अधिकारी भी शामिल रहेंगे। पहली बार जल शक्ति विभाग के अधिकारी भी इस टीम के साथ जा रहे हैं। वहां पर हर तरह के कार्य को समझेंगे, ताकि हरोली में स्थापित होने वाले फार्मा पार्क में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

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