हिमाचल में सेब के पेड़ों की कटाई पर सुक्खू सरकार का कड़ा रुख, मामले को ले जाएगी सुप्रीम कोर्ट
शिमला में वन भूमि पर अवैध कब्ज़े से लगाए गए सेब और नाशपाती के पेड़ काटे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि फलदार पेड़ों को काटना सही नहीं है और सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने बागवानी मंत्री और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करके कानूनी पहलुओं पर विचार करने की बात कही है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर शिमला जिले के ऊपरी क्षेत्रों में वन भूमि पर कब्जा कर लगाए सेब और नाशपाती के पेड़ों को काटा जा रहा है। इस मामले को प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट ले जाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि फलदार सेब और अन्य पेड़ों को काटना सही नहीं है।
हाईकोर्ट को सेब के पेड़ों की नीलामी के लिए प्रदेश सरकार को उचित समय देना चाहिए। वह इस मामले में कानूनी पहलुओं को समझने के लिए बागबानी मंत्री सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। मुख्यमंत्री सुक्खू वीरवार को राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा, शिमला जिले के जुब्बल-कोटखाई के चैथला में वन भूमि पर अवैध कब्जा कर लगाए सेब और नाशपाती के फलदार 3301 पौधों को अभी तक काटा गया है। वहीं, राजस्व एवं बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से पेड़ कटान मामले पर मिले। दोनों मंत्रियों ने कानूनी पहलुओं पर चर्चा कर बागबानों को राहत देने की मांग की।
गडकरी से किया है टनल निर्माण पर ध्यान देने का आग्रह
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ जिला शिमला के ढली में जमींदोज हुए भवन के संबंध में चर्चा की है। उन्होंने प्रभावित परिवार को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
राज्य सरकार ने सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से शिमला-मटौर फोरलेन के तहत शिमला-शालाघाट हिस्से में टनल निर्माण पर ध्यान देने का आग्रह किया है। इसके अलावा नालागढ़-पिंजौर तथा नालागढ़-गरामोड़ा सड़क परियोजना के निर्माण में तेजी लाने सहित ढली-सैंज फोरलेन परियोजना का रामपुर तक विस्तार करने का आग्रह किया है।
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