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    हिमाचल सरकार फिर लेगी 1,000 करोड़ रुपये का ऋण, आज करेगी आवेदन

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 03:35 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश सरकार आज 1,000 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए आवेदन करेगी, जबकि चालू वित्त वर्ष में वह पहले ही 3,000 करोड़ रुपये का ऋण ले चुकी है। सरकार के पास ऋण लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि राजस्व घाटा अनुदान कम हो गया है और उसे कर्मचारियों के वेतन व पेंशन के लिए हर महीने 2,800 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

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    1,000 करोड़ रुपये का ऋण लेने की तैयारी में हिमाचल सरकार। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार आज 1,000 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए आवेदन करेगी। चालू वित्त वर्ष में प्रदेश सरकार 3,000 करोड़ रुपये ऋण ले चुकी है। अप्रैल में दो बार ऋण लिया था। पहली बार 1700 करोड़ और दूसरी बार 500 करोड़ की राशि का ऋण लिया था। हालांकि, सरकार ने मई में ऋण नहीं उठाया।

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    जून के चौथे सप्ताह के दौरान 800 से 1,000 करोड़ रुपये का ऋण लेगी। प्रदेश सरकार के पास ऋण लेने के अतिरिक्त कोई दूसरा विकल्प नहीं है। राजस्व घाटा अनुदान पिछले वर्ष की तुलना में घटकर 250 करोड़ रुपये रह गया है। पिछले वित्त वर्ष में हर महीने 522 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होती थी।

    प्रदेश सरकार को हर महीने कर्मचारियों का वेतन और पेंशन का भुगतान करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता रहती है। इसके अतिरिक्त ऋण का ब्याज और ऋण मूलधन का भुगतान करने के लिए मासिक 800 की जरूरत रहती है। यानी हर माह सरकार को कुल 2,800 करोड़ रुपये की आवश्यकता रहती है।

    प्रदेश सरकार मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 6,200 करोड़ रुपये का ही ऋण ले सकती है। अंतिम तीन माह के दौरान केंद्र सरकार देश के सभी राज्यों के लिए ऋण राशि का निर्धारण करती है। माना जा रहा है कि अंतिम तिमाही में सरकार को 1,000 करोड़ या इससे कुछ अधिक राशि लेने की अनुमति मिल सकती है।

    वित्त विभाग की बढ़ रही चिंता

    वित्त विभाग के अधिकारियों की चिंता भी लगातार बढ़ती जा रही है। प्रत्येक मंत्रिमंडल बैठक में मंत्रियों को राज्य की वित्तीय स्थिति के संबंध में सूचित किया जाता है। बताया जाता है कि वित्त विभाग की ओर से कितना ऋण लिया जा चुका है और कितना लिया जा सकेगा।

    मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए वित्त विभाग के अधिकारी मानते हैं कि अगस्त तक राज्य की कुल ऋण सीमा 6200 करोड़ समाप्त हो जाएगी। उसके बाद वेतन-पेंशन का भुगतान करने के लिए विकल्प तलाशने होंगे।