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    Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर राजनीति चरम पर, हिमाचल सरकार के मंत्री आपस में बंटे

    By Jagran NewsEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Tue, 04 Jul 2023 05:30 AM (IST)

    UCC News समान नागरिक संहिता पर छिड़ी बहस के बीच लोक निर्माण मंत्री ने कहा है कि यूसीसी लागू होना चाहिए जबकि कांग्रेस पार्टी के वयोवृद्ध नेता चौधरी चंद्र कुमार ने बयान दिया है कि समान नागरिक संहिता कानून की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंनें यहां तक कह दिया कि विक्रमादित्य जो कह रहे हैं वो न तो सरकार का मत है और न ही कांग्रेस पार्टी का मत है।

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    Uniform Civil Code पर हिमाचल सरकार के मंत्री आपस में बंटे, कोई साथ तो कोई है खिलाफ।

    जागरण संवाददाता, शिमला: हिमाचल प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर राजनीति पूरे चरम पर है । राज्य सरकार के मंत्री ही आपस में इस मसले को लेकर आपस में उलझते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस मसले पर सबसे पहले राज्य के लोक निर्माण विभाग मामलों के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इसका समर्थन करते हुए इसके समय पर सवाल उठाए थे।

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    उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किया था कि यह देश की जरूरत है। जिस समय मोदी सरकार इसे ला रही है, यह समय ठीक नहीं है, महज राजनीति की जा रही है। उन्होंने साफ कहा कि पिछले 9 साल से मोदी सरकार सत्ता में है। ऐसे में कभी भी इसे ला सकती थी।

    वरिष्ठ मंत्री चंद्र कुमार बोले- इस कानून का जरूरत नहीं

    वहीं राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री चंद्र कुमार ने अब कहा है कि इस कानून की कोई भी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पर कांग्रेस का क्या स्टैंड होगा इस पर अभी चर्चा करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। बता दें कि देश में इस कानून को लाने के लिए राजनीति पूरी तरह से गरमा गई है। इसी तरह से हिमाचल में भी इसको लेकर राजनीतिक चर्चा जोरों पर है।

    भाजपा पूरी तरह से इसका समर्थन कर रही है। भाजपा का सोशल मीडिया विंग भी इसके समर्थन में पूरा काम कर रही है। इसके लिए आम लोगों की राय जुटाने से लेकर भाजपा इसे वायरल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। भाजपा के नेता हर जगह इसके समर्थन की बात कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस सरकार के मंत्री इसको लेकर अभी असमंजस में दिख रहे हैं।

    यूनिफॉर्म सिविल कोड लेने के लागू होने के बाद पूरे देश में हर नागरिक के लिए एक कानून हो जाएगा। इसमें धर्म और जाति के आधार पर जो अभी तक लाभ अल्पसंख्यक के तौर पर लेते रहे हैं, उन्हें भी एक ही कानून के तहत देश में रहना होगा। एक विशेष धर्म की तरफ से इसका विरोध किया जा रहा है।

    विपक्ष 2024 में इसकी काट ढूंढने के लिए महामंथन करने की तैयारी कर रहा है। इसका महामंथन एक समय शिमला में किया जाना था लेकिन अब शिमला से इसको रद्द करके बेंगलुरु में किया जाना है। भले ही महामंथन बेंगलुरु में होगा लेकिन हिमाचल की वादियों में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर राजनीति पूरी तरह से गरमाई हुई दिख रही।

    भाजपा ले रही है चुटकी

    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार जो सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के नेतृव में चल रही है, इस सरकार में मुख्यमंत्री के अलग दावे हैं और मंत्रियों के अलग दावे हैं। मुख्यमंत्री कहते है कि हम 97 प्रतिशत हिन्दू आबादी वाले प्रदेश में हिन्दूवादी भाजपा को हराकर सत्ता में आए हैं।

    इसके जवाब में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य कहते है कि मेरे से बड़ा कोई हिन्दू नहीं है परन्तु मुख्यमंत्री अपने बयान पर कायम हैं। देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए बहस छिड़ी हुई है।

    इस बहस में लोक निर्माण मंत्री कहते हैं कि समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए और आज कांग्रेस पार्टी के वयोवृद्ध नेता चौधरी चंद्र कुमार ने बयान दिया है कि समान नागरिक संहिता कानून की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंनें यहां तक कह दिया कि विक्रमादित्य जो कह रहे हैं वो न तो सरकार का मत है और न ही कांग्रेस पार्टी का मत है।

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