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    हिमाचल सरकार की नशे के खिलाफ सार्थक पहल, एंटी-चिट्टा वॉलंटियर योजना की शुरुआत, CM सुक्खू ने किया एलान

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 10:48 AM (IST)

    हिमाचल सरकार ने चिट्टे (सिंथेटिक ड्रग) की रोकथाम के लिए एंटी-चिट्टा वालंटियर योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसकी घोषणा की थी। इस योजना के तहत 1000 एंटी-चिट्टा वालंटियर तैनात किए जाएंगे। ये वालंटियर जनता को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करेंगे और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी पुलिस को देंगे। सरकार नशे के खिलाफ मुहिम को विशेष प्राथमिकता दे रही है।

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    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल सरकार ने नशे विशेषकर चिट्टे (सिंथेटिक ड्रग) की रोकथाम के लिए एक और कदम बढ़ाया है। अभियान को सशक्त बनाने के लिए एंटी-चिट्टा वालंटियर योजना (एसीवीएस) शुरू की जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मंडी जिले के सरकाघाट में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान की गई घोषणा के अनुरूप पुलिस विभाग ने विस्तृत प्रस्ताव सरकार को भेजा है।

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    योजना के तहत 1000 एंटी-चिट्टा वालंटियर तैनात किए जाएंगे, जो पुलिस, जनता और अन्य हितधारकों के मध्य मजबूत सहभागिता सुनिश्चित करेंगे। वालंटियर समाज और युवाओं को चिट्टा और अन्य नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करेंगे, संदिग्ध गतिविधियों, हॉट-स्पॉट और अपराधियों की गुप्त रूप से जानकारी पुलिस को देंगे।

    यह लोग स्कूलों, कॉलेजों व लोगों में जागरुकता कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। रैलियों, नुक्कड़ नाटकों, इंटरनेट मीडिया और जागरुकता अभियान में सहयोग करेंगे। प्रभावित व्यक्तियों को परामर्श एवं पुनर्वास केंद्रों से जोड़ने का जिम्मा भी रहेगा। पंजीकृत स्वयंसेवियों को सेवाओं के लिए मानदेय भी दिया जाएगा।

    प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में ढाई वर्ष में सरकार ने नशे के खिलाफ मुहिम को विशेष प्राथमिकता दी है। इस नई योजना से जमीनी स्तर पर खुफिया तंत्र सुदृढ़ करने, युवाओं और समाज में जागरूकता लाने, प्रभावित लोगों को बेहतर पुनर्वास सेवा प्रदान करने और पुलिस-जनता के मध्य सहभागिता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

    उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों की सुरक्षा के दृष्टिगत इन्हें फील्ड आइडेंटिफिकेशन में शामिल नहीं किया जाएगा और पहचान गुप्त रखी जाएगी। संवेदनशील मामलों में इन्हें सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी। इन स्वयंसेवकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।

    प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पदभार ग्रहण करते ही प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ लड़ाई शुरू की है। प्रदेश सरकार ने स्वापक औषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार की रोकथाम अधिनियम (पीआइटीएनडीपीएस) लागू किया है, जबकि पूर्व भाजपा सरकार ने ऐसा नहीं किया था। नशा माफिया की 42 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है और पुलिस भर्ती में चिट्टे की जांच अनिवार्य की है। नशे से युवाओं को बचाने के लिए उनके पुनर्वास पर ध्यान दिया जा रहा है।