Himachal News: हिमाचल सरकार ने चार प्रजातियों के लकड़ी से हटाई रोक, नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम करेगी शुरू
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh) ने चार प्रजातियों की लकड़ी पर से रोक हटा दी है। खैर की लकड़ी कत्था देवदार के तेल सहित अन्य जड़ी बूटी के लिए राज्य के भीतर भी ढुलाई बिना अनुमति के हो पाएगी। वन विभाग से कई प्रकार के ई-परमिट प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश में नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम शुरू करने जा रही है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि अब राज्य के लोग सफेदा, पापलर, बांस की लकड़ी के साथ-साथ कुठ (औषधीय पौधे) प्रजाति की लकड़ी को बिना परमिट के प्रदेश से बाहर ले जा सकते हैं। सरकार ने इन चार प्रजातियों की लकड़ी पर लगी रोक हटा दी है।
चार प्रजातियों पर लगे प्रतिबंध को हटाया
राज्य के लोगों की ओर से लंबे समय से रोक हटाने की मांग हो रही थी। साथ ही इन प्रजाति की लकड़ी की ढुलाई राज्य के भीतर भी बिना अनुमति के हो पाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में बहुत से किसान इन प्रजाति के पेड़ों को व्यवसायिक स्तर पर उगाते हैं, ऐसे में उनके हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने इन चार प्रजातियों पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है।
वन विभाग का लेना होगा परमिट
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार ने खैर की लकड़ी, कत्था, देवदार के तेल सहित प्रदेश में उगने वाली अन्य जड़ी-बूटियों को प्रदेश से बाहर ले जाने पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया है। हालांकि इन वन उत्पादों को प्रदेश से बाहर ले जाने के लिए वन विभाग से परमिट लेना होगा।
नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम शुरू करेगी सरकार
राज्य सरकार वन विभाग से विभिन्न प्रकार के ई-परमिट प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश में नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम शुरू करने जा रही है। यह सिस्टम शुरू करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का छठा राज्य होगा, जिसके शुरू होने से जहां लोगों को ई-परमिट प्राप्त करने में सुविधा होगी, वहीं विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता आएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।