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    हिमाचल में फोरलेन निर्माण विकास या विनाश? विधानसभा में मुद्दा उठने के बाद NHAI अधिकारी तलब

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 10:35 PM (IST)

    हिमाचल में फोरलेन निर्माण एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। कई स्थानों पर सड़कें टूटी हुई हैं जिससे यातायात बाधित हो रहा है। भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण इनके निर्माण पर सवाल उठ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी डीपीआर पर सवाल उठाए हैं। विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया गया जहाँ अधिकारियों को तलब किया गया।

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    हिमाचल प्रदेश में फोरलेन निर्माण से पहाड़ों को नुकसान (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। पहाड़ों में निर्माणाधीन या फिर बन चुके फोरलेन बड़ी चिंता का विषय बने हुए हैं। प्रदेश में फोरलेन के निर्माण पर प्रश्नचिह्न खड़े हो गए हैं। शिमला पहुंचने की बात हो या फिर मनाली, हर जगह फोरलेन टूटे हुए हैं।

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    हालत यह है कि कुल्लू के लिए मुख्य मार्ग से संपर्क पूरी तरह से कटा हुआ है। नौ मील, पंडोह कैंची मोड़, जलोगी, दबाढ़ा और औट शनि मंदिर तक वाहनों के लिए आवाजाही दोबारा शुरू होने में कई दिन लगेंगे। संपर्क मार्ग ही कुल्लू व लाहुल स्पीति तक जीवनरेखा का काम कर रहे हैं।

    कीरतपुर से बिलासपुर तक फोरलेन पर महेला, थापटा, समलेटु व मंडी के भराड़ी पुल के आसपास का क्षेत्र भी सिर दर्द पैदा कर रहे हैं। परवाणू से शिमला के लिए दस किलोमीटर चलने पर ही चक्की मोड़ जब कभी घंटों बाधित रहता है।

    प्रदेश के निर्मित फोरलेन के अधिकांश हिस्सों में दोलेन से ही वाहन चल रहे हैं। पहाड़ी की ओर के दोलेन पर जगह-जगह मलबा आया हुआ है। कई जगह सीमेंट के डंगे भी जमींजोद हो चुके हैं। सड़क निर्माण के लिए 90 डिग्री की ढलान पर कटिंग होने से मकान, खेत और बगीचों को नुकसान पहुंच रहा है।

    प्रदेश में विकास को आगे बढ़ाने के लिए फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन वर्ष 2023 से अभी तक हुई भारी वर्षा, भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं ने इनके निर्माण पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। फोरलेन बनने से कई क्षेत्रों में लोगों की दिक्कत बढ़ गई हैं।

    यहां तक कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी कीरतपुर-मनाली फोरलेन की नेरचौक-मनाली के भाग की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर प्रश्न उठाए हैं।

    एक कार्यक्रम के प्रसारित वीडियो में गडकरी ने कहा कि निजी एजेंसी ने घर में बैठकर गूगल पर डीपीआर बना दी। हिमाचल के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह तो फोरलेन निर्माण के मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारी के साथ भिड़ गए थे।

    परवाणू-शिमला फोरलेन तीन चरणों में बन रहा है। सोलन तक फोरलेन को जनता के लिए समर्पित किया जा चुका है। इसके आगे कैथलीघाट तक कंडाघाट पर सुरंग व पुल के निर्माण का कार्य पूरा नहीं हुआ है। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर नौ मील, पंडोह कैंची मोड सहित अन्य स्थानों पर ध्वस्त हो चुकी सड़क कई प्रश्न खड़े कर रही है।

    पठानकोट-मंडी फोरलेन निर्माणाधीन है और अभी से ही भू-स्खलन की घटनाएं पेश आने लगी हैं। मटौर-शिमला फोरलेन भी लोगों के लिए परेशान पैदा कर रहा है। जून, 2021 में परवाणू-शिमला फोरलेन का प्रथम चरण सोलन तक बनकर तैयार हुआ था। उसके बाद कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन 2023 में नागचला तक वाहनों के लिए औपचारिक तौर पर शुरू हुआ।

    विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने एनएचएआइ के अधिकारी तलब किए थे। ऐसा इसलिए करना पड़ा था कि विधायकों ने सत्र के दौरान फोरलेन ध्वस्त होने से पैदा हो रही समस्या, मुआवजा नहीं चुकाने, लोगों की परेशानियों को अनसुना करने की स्थिति को देख विधानसभा में बैठक बुलाई थी।

    एनएचएआइ अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि वे नियमित तौर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह व सचिव को जानकारी देंगे। इसके अतिरिक्त विधानसभा का सत्र आयोजित होने पर एनएचएआइ का एक अधिकारी विधानसभा में बैठेगा, अन्यथा इसे विधानसभा की अवमानना माना जाएगा।

    ढली के समीप एक भवन के गिरने पर पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने फोरलेन निर्माण के लिए हो रही कटिंग पर प्रश्नचिह्न खड़े किए थे। उनका कहना था कि एनएचएआइ के अधिकारी फोरलेन निर्माण के नाम पर 90 डिग्री ढलान पर कटिंग कर रहे हैं, जो भू-विज्ञान के तौर पर भी उचित नहीं है।

    ऐसा करने से लोगों के मकान, खेत, बगीचे ढह रहे हैं। प्रदेश भर से अनिरुद्ध सिंह को 380 शिकायतें लिखित और मोबाइल फोन के माध्यम से प्राप्त हुईं।

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