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    हिमाचल में EV चार्जिंग स्टेशन के लिए जल्द आएगी नई पॉलिसी, CM सुक्खू बोले- निजी ऑपरेटरों को भी किया जाएगा शामिल

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Mon, 04 Sep 2023 04:55 PM (IST)

    हिमाचल सरकार जल्द ही नई ईवी चार्जिंग स्टेशन पॉलिसी लाने वाली है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया कि यह नीति काफी हद तक प्रभावी साबित होगी। सीएम सुक्खू ने बताया कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के सहयोग से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है और राज्य को ई-वाहनों के लिए एक मॉडल राज्य के रूप में विकसित किया जा रहा है।

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    हिमाचल में ईवी चार्जिंग स्टेशन के लिए जल्द आएगी नई पॉलिसी (फाइल फोटो)

    शिमला, पीटीआई। Himachal EV Charging Station Policy मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन विकसित करने के लिए एक प्रभावी नीति लाएगी। उन्होंने बताया कि 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए निजी ऑपरेटरों को शामिल किया जाएगा।

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    रविवार शाम शिमला में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि नीति पहुंच, सुविधा और रोजगार के अवसरों के निर्माण सहित विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगी।

    सोमवार को जारी एक बयान में मुख्यमंत्री सुक्खू (CM Sukhvinder Sukhu) द्वारा कहा गया कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के सहयोग से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है और राज्य को ई-वाहनों के लिए एक मॉडल राज्य के रूप में विकसित किया जा रहा है।

    HRTC में भी शामिल हो रहीं इलेक्ट्रिक बसें

    इसके अलावा, पहले चरण में छह हरित गलियारे विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों सहित इन गलियारों की कुल लंबाई 2,137 किलोमीटर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम भी चरणबद्ध तरीके से अपने बेड़े में और अधिक इलेक्ट्रिक बसें शामिल कर रहा है और निगम से नई इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए मार्गों की पहचान करने को कहा है।

    उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक परिवहन में बदलने से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। निर्माण गतिविधियों और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भूमि के उपयोग पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मौके पर भूमि का वैज्ञानिक अध्ययन करने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया जाना चाहिए।

    मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने इन परियोजनाओं के निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन अमोनिया और बायो गैस संयंत्र स्थापित करने की संभावना तलाशने और पायलट आधार पर संयंत्र स्थापित करने के लिए 31 अक्टूबर तक एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का भी निर्देश दिया।