अब पढ़ाई में कमजोर नहीं रहेंगे सरकारी स्कूलों के बच्चे, शिमला में लर्निंग एनहांसमेंट प्रोग्राम 2.0 शुरू
हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। समग्र शिक्षा के तहत लर्निंग एनहांसमेंट प्रोग्राम 2.0 शुरू किया गया है जिसका उद्देश्य कमजोर छात्रों को मुख्यधारा में लाना है। हिमाचल प्रदेश शिक्षा संकल्प नामक मॉड्यूल शिक्षकों और छात्रों के लिए मददगार होगा। परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण में हिमाचल ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में शिक्षा सुधार को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार का ध्यान समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
इसी उद्देश्य से समग्र शिक्षा शैक्षिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को मुख्यधारा में लाने के लिए कार्य कर रहा है। इसी क्रम में लर्निंग एनहांसमेंट प्रोग्राम 2.0 तैयार किया गया है।
कार्यक्रम के मॉड्यूल को लेकर शिमला में एक कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने विशेष रूप से भाग लिया।
‘हिमाचल प्रदेश शिक्षा संकल्प’ रखा गया मॉड्यूल का नाम
उन्होंने इस अवसर पर तैयार किए गए मॉड्यूल ‘शिक्षा संकल्प’ की समीक्षा की और इसका नाम ‘हिमाचल प्रदेश शिक्षा संकल्प’ रखने का सुझाव दिया।
यह मॉड्यूल शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों के लिए पढ़ाई को सरल और प्रभावी बनाने वाली मार्गदर्शिका का कार्य करेगा। समग्र शिक्षा निदेशक ने कई अन्य बहुमूल्य सुझाव दिए।
कार्यशाला में समग्र शिक्षा के समन्वयक मौजूद रहे। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि हाल ही में आयोजित परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण में हिमाचल ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
ग्रामीण बच्चों ने शहरी बच्चों की तुलना में किया अच्छा प्रदर्शन
विशेष रूप से इसमें लड़कियों ने लड़कों से बेहतर नतीजे हासिल किए और ग्रामीण बच्चों ने शहरी बच्चों की तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया। इस उपलब्धि पर केंद्रीय शिक्षा सचिव ने हिमाचल की सराहना करते हुए अन्य राज्यों को इससे सीख लेने की बात कही।
यह कार्यक्रम प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में समावेशी शिक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। समग्र शिक्षा निदेशक ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लगभग चौथाई विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्हें पढ़ाई में अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता है।
क्या है सरकार का लक्ष्य?
राजेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा पढ़ाई में पीछे न रह जाए। हिमाचल प्रदेश पहले ही शिक्षा सुधारों में पूरे देश में उदाहरण प्रस्तुत कर चुका है।
अब एलइपी 2.0 कार्यक्रम के माध्यम से कमजोर छात्रों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए तैयार किए गए मॉड्यूल से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है।

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