Himachal News: हिमाचल में फिर बंद हुए 103 स्कूल, पिछले ढाई साल में 1200 स्कूलों पर लगा ताला
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग ने कम दाखिले वाले 103 स्कूलों को बंद करने 443 को मर्ज करने और 75 का दर्जा घटाने का फैसला किया है जिससे 1120 शिक्षक अतिरिक्त होंगे। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। 21 अप्रैल तक के दाखिलों के आधार पर 72 प्राइमरी 28 मिडल और 3 हाई स्कूल बंद होंगे।

राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश शिक्षा विभाग ने शून्य दाखिले वाले 103 स्कूल बंद, 443 मर्ज व 75 का दर्जा घटाने का निर्णय लिया है। इससे 1120 शिक्षक सरप्लस होंगे, जिन्हें दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा।
शिमला स्थित राज्य सचिवालय में शुक्रवार को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने आंकड़े रखे और मुख्यमंत्री को फाइल भेजी। अब इस पर शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे। उसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
राज्य मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को स्कूलों को मर्ज व बंद करने का निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। शिक्षा विभाग के अनुसार 103 स्कूलों में एक भी विद्यार्थी नहीं था। इन स्कूलों में शिक्षक सेवाएं दे रहे थे। ज्यादातर में एक-एक शिक्षक थे, जबकि कई स्कूल ऐसे भी थे जिसमें दो से तीन शिक्षक थे।
21 अप्रैल तक दाखिले के आधार पर लिया गया फैसला
शिक्षा विभाग ने 21 अप्रैल 2025 तक स्कूलों में दाखिलों के आधार पर ये निर्णय लिया है। बंद होने वाले स्कूलों में 72 प्राइमरी, 28 मिडल व तीन हाई स्कूल हैं। 10 से कम विद्यार्थियों वाले 443 स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। 75 स्कूलों का दर्जा घटाया जाएगा। जिन वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा-छह से 12वीं तक 25 से कम विद्यार्थी हैं और पांच किलोमीटर की दूरी पर दूसरा स्कूल है उन्हें मर्ज किया जाएगा।
11वीं व 12वीं में जहां 10 से कम बच्चे हैं और पांच किलोमीटर की दूरी पर दूसरा स्कूल है उसे भी मर्ज किया जाएगा। तीसरे ऐसे स्कूल जिसमें पांच से कम बच्चे हैं उनका दर्जा घटाया जाएगा। इन स्कूलों में जो विद्यार्थी पंजीकृत हैं उनका दाखिला साथ लगते स्कूलों में करवाया जाएगा।
ढाई साल में 1200 स्कूल हो चुके मर्ज
ढाई साल में 1200 स्कूल हो चुके बंद व मर्ज हिमाचल के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही है। वर्ष 2003-04 में कक्षा एक से आठ तक सरकारी स्कूलों में 9,71,303 विद्यार्थी पंजीकृत थे। मौजूदा वर्ष तक यह संख्या कम होकर 4,29,070 ही रह गई है। यानी 5,42,233 विद्यार्थी कम हुए हैं।
पिछले ढाई सालों में राज्य सरकार 1200 स्कूलों को बंद किया जा चुका है। इसमें 450 स्कूलों को डी नोटिफाई किया है। 750 स्कूलों को साथ लगते स्कूलों में मर्ज किया गया है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि हिमाचल के सरकारी स्कूलों में छात्र शिक्षक दर 1:11 है, जो देशभर में सबसे उच्च है।
डम्मी दाखिले की थी आशंका
शिक्षा विभाग ने बैठक में स्कूलवार विद्यार्थियों की संख्या देखी। कुछ स्कूलों में पिछले कई वर्ष से विद्यार्थियों की संख्या बढ़ नहीं रही है। आठ, 10, 12, या फिर 15 विद्यार्थी ही इन स्कूलों में हैं। विभाग का मानना है कि यह डम्मी एडमिशन हो सकती है। इसलिए अब इस पर सख्ती कर मर्ज व इन्हें बंद करने का निर्णय लिया जा रहा है।
सरकार के निर्णय सख्त जरूर हैं, लेकिन आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। पिछले दो वर्ष में जो भी निर्णय लिए हैं, उनके अच्छे परिणाम आए हैं। असर की रिपोर्ट इसका उदाहरण है। सरकार का प्रयास है कि हर स्कूल में शिक्षक हो व बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलें।
-रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री।
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