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    Himachal Disaster: हिमाचल में आपदा ने छीन ली 287 जिंदगियां, भारी बारिश के बाद 346 सड़कें बंद

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 02:31 PM (IST)

    शिमला में भारी बारिश से तबाही जारी है जिससे 287 लोगों की मौत हो चुकी है और कई सड़कें बंद हैं। कुल्लू जिला सबसे अधिक प्रभावित है जहाँ 123 सड़कें बंद हैं। बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। अधिकारी संपर्क और आवश्यक सेवाओं को बहाल करने में लगे हैं लेकिन लगातार बारिश से बाधा आ रही है।

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    हिमाचल में आपदा ने छीन ली 287 जिंदगियां (जागरण फोटो)

    डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल में बारिश का कहर जारी है। इस मानसूनी सीजन में आपदा से अब तक 287 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 346 सड़कें बंद हैं।

    हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) के अनुसार, प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-305) सहित 346 सड़कें अवरुद्ध रहीं, जबकि 281 वितरण ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे थे, जिससे कई इलाकों की बिजली आपूर्ति बाधित हुई। भूस्खलन, अचानक बाढ़ और भारी बारिश के कारण कुल 145 जलापूर्ति योजनाएँ भी बाधित हुईं।

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    एचपीएसडीएमए ने बताया कि 20 जून से अब तक मानसून के कारण 287 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 149 लोगों की मौत भूस्खलन, अचानक बाढ़ और डूबने जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं में हुई है, जबकि 138 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई है।

    कुल्लू जिला सबसे ज्यादा प्रभावित

    आपदा में कुल्लू जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां 123 सड़कें बंद हैं और राष्ट्रीय राजमार्ग 305 कई जगहों पर बंद है। इस कारण दूरदराज के लोगों को काफी परेशानियों का सामन जिससे दूरदराज के इलाकों तक पहुँच बाधित है।

    मंडी में 164 सड़कें बंद हैं, जबकि कांगड़ा में 29 सड़कें अवरुद्ध हैं। किन्नौर, लाहौल और स्पीति और अन्य पहाड़ी ज़िलों में भी भारी बारिश, पत्थर गिरने और अचानक आई बाढ़ के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

    कुल्लू, मंडी और किन्नौर के कुछ हिस्सों में बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। किन्नौर के पूह और रिकांगपिओ संभागों में, हाई-वोल्टेज लाइनों को नुकसान पहुंचने के बाद 10 ट्रांसफार्मर खराब हो गए, जिससे शिपकिला, लांबर और चारंग जैसे गांव प्रभावित हुए हैं। मंडी में 63 ट्रांसफार्मर बाधित हुए, जबकि कुल्लू में 196 ट्रांसफार्मर बाधित हुए।

    जल आपूर्ति व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है, कुल्लू में 75, मंडी में 54 और कांगड़ा, लाहौल और स्पीति तथा ऊना में कई अन्य योजनाएं ठप पड़ी हैं।

    अधिकारी संपर्क और आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन लगातार बारिश और ताज़ा भूस्खलन के कारण काम में बाधा आ रही है।

    वर्षा से संबंधित मौतों में भूस्खलन (10), अचानक बाढ़ (9), बादल फटने (17), डूबने (29), बिजली गिरने (2), आग लगने (13), बिजली का झटका (10), खड़ी ढलान से गिरने (30) और अन्य घटनाओं (25) के कारण हुई मौतें शामिल हैं।

    जिलों में मौतों की संख्या

    कांगड़ा ज़िले में बारिश से संबंधित मौतों की संख्या सबसे ज्यादा 29 है, उसके बाद मंडी (26), चंबा (14), कुल्लू और हमीरपुर (13-13) और किन्नौर (12) का स्थान है। सड़क दुर्घटनाओं में, चंबा 21 मौतों के साथ सूची में सबसे ऊपर है, उसके बाद मंडी (22), कांगड़ा (18)।

    शिमला (15), किन्नौर (13), सोलन (13), कुल्लू (11), ऊना (8), सिरमौर (7), बिलासपुर और हमीरपुर (3-3) और लाहौल और स्पीति (1) का स्थान है। इस आपदा में 342 लोग घायल हुए हैं और 1,803 पशुओं के साथ-साथ 25,700 से ज़्यादा मुर्गियां भी मर गई हैं।