सावधान! अटल टनल से जाने की न करें गलती, हिमाचल के कंगनी नाले में बाढ़ आने से मनाली-केलांग मार्ग बंद
Himachal Flood मनाली-केलांग मार्ग पर कंगनी नाले में बाढ़ आने से मार्ग बंद हो गया है। अटल टनल मार्ग पर स्नो गैलरी मलबे से भर गई है और सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। बीआरओ सड़क को बहाल करने में जुटा है। पुलिस ने वाहनों को रोहतांग दर्रे से होकर भेजना शुरू कर दिया है। बाढ़ के कारण सड़क का कुछ हिस्सा भी बह गया है।

जसवंत ठाकुर, मनाली। Himachal Disaster:अटल टनल मार्ग पर कंगनी नाले में बाढ़ आने से मनाली केलंग मार्ग बंद हो गया है। बाढ़ आने से स्नो गैलरी मलबे से भर गई है जबकि सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गई है।
हालांकि, रोहतांग दर्रे से होकर लेह आने जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग है। लेकिन रात को आई बाढ़ से दोनों तरह वाहनों की लंबी लाइन लग गई है। सड़क जल्द बहाल होती न देख पुलिस ने वाहनों को बाया रोहतांग भेजना शुरू कर दिया है।
बाढ़ से सड़क का कुछ भाग भी बह गया है। बीआरओ सुबह से ही सड़क बहाल में जुट गया है। बीआरओ योजक परियोजना का मुख्यालय भी इसी कंगनी नाले के किनारे बना है। हालांकि मुख्यालय को नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन बीआरओ के जवान डर के भय में रात भर नहीं सो पाए।
सड़क बहाली में जुटा बीआरओ
सोलांग के ग्रामीण गोकल, रूप चन्द व गुरदयाल ने बताया कि आधी रात को नाले में बहुत जोर की आवाज आई। उन्होंने बताया कि बाढ़ आने से ग्रामीणों का कोई नुकसान नहीं हुआ है लेकिन सड़क व स्नो गैलरी को नुकसान पहुंचा है। मनाली डीएसपी केडी शर्मा ने बताया कि बीआरओ सड़क बहाली में जुट गया है।
उन्होंने बताया कि दोपहर तक सड़क बहाल होने की उम्मीद है। शर्मा ने बताया कि वाहनों को बाया गुलाबा, मढ़ी, रोहतांग, कोकसर होते हुए अटल टनल के नार्थ पोर्टल की ओर भेजा जा रहा है। नाले के उस पास फंसे वाहनों को भी बापस लाहुल भेज दिया है। ये सभी वाहन भी कोकसर होते हुए बाया रोहतांग होकर मनाली आ रहे हैं।
भारी बारिश और टूटी सड़कों के बीच, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीम ने बुधवार को मंडी जिले के थुनाग क्षेत्र में एक गर्भवती महिला को पालकी में मीलों तक ले जाकर अस्पताल पहुंचाने का साहस और समर्पण का उदाहरण पेश किया।
अब तक 15 की मौत
मंगलवार को मूसलाधार बारिश के कारण भयंकर बाढ़ आ गई, जिसमें 14 पुल, 148 घर और दो दुकानें बह गईं, जिसके परिणामस्वरूप 15 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से ज्यादातर मंडी जिले में थे। आपदा के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी लापता लोगों के जीवित बचे होने की संभावना कम होने के कारण मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है
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