Himachal Cyber Crime: साइबर ठगों के टारगेट पर हिमाचल के पढ़े-लिखे लोग, एक महीने में 2.31 करोड़ रुपये का फ्रॉड
हिमाचल प्रदेश में साइबर ठग अब पढ़े-लिखे लोगों को टारगेट कर रहे हैं। जहां एक समय था जब आम लोग इनके झांसे में आते थे। वहीं अब पढ़े-लिखे लोग और यहां तक पुलिस के अधिकारी भी इनके झांसे में आकर ठगी की वारदात का शिकार हो रहे हैं। सिर्फ जुलाई महीने में भी साइबर ठगों ने 2.31 करोड़ रुपये का फ्रॉड किया है।

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। हिमाचल प्रदेश साइबर ठगों (Cyber Fraud) के राडर पर है। इसका प्रमाण यह है कि बीते जुलाई माह में साइबर ठगों ने 2.31 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया। ये मामले साइबर पुलिस के पास दर्ज हैं। साइबर ठगी (Cyber Crime) का शिकार होने वालों में पढ़े लिखे और बड़े अधिकारी तक शामिल हैं। जिन्हें अपने जाल में फंसा साइबर ठग ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
साइबर पुलिस (Himachal Cyber Police) के डाटा को खंगाला जाए तो उसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बीते 15 दिनों के दौरान टोल फ्री नंबर पर 2683 फोन कॉल आई हैं। साइबर अपराध की शिकायतों के जल्द निपटारे के लिए टोल फ्री नंबर 1930 स्थापित किया गया है।
साबर पुलिस द्वारा लगातार ठगी के मामलों के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इन कार्यशालाओं के माध्यम से साइबर ठगी से बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
शातिर ठग पुलिस के अधिकारियों को भी बना रहे शिकार
साइबर ठग इतने शातिर हैं कि उनके माया जाल में आम लोगों के अलावा पुलिस के बड़े-बड़े अधिकारी व अन्य अधिकारी भी झांसे में आ रहे हैं और छोटी-छोटी भूल से ठगी का शिकार बना रहे हैं।
ठगी से बचने के लिए इन बातों का रखें खास ध्यान
- किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें
- वेबसाइट को खोलने से पूर्व यूआरएल जांच लें
- बैंक कभी भी फोन पर कोई जानकारी नहीं मांगता और किसी के साथ ओटीपी या एटीएम की जानकारी शेयर न करें
- कोई भी ऑफर आए तो उसे चेक जरूर कर लें, फर्जी होने की संभावना होती है
15 दिनों में टोल फ्री नंबर पर शिकायतें
टोल फ्री नंबर 1930 पर कुल 2683 फोन कॉल आई जिसमें फाइनेंशियल फ्रॉड की 653, सोशल मीडिया अपराध की 255, पूछताछ के लिए 514, और अन्य जैसे फ्रॉड कॉल व फ्राॉड लिंक्स आदि से संबंधित 1261 काल आई हैं।
साइबर क्राइम के कार्यकारी पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र नेगी ने बताया कि साइबर ठग काफी तादाद में लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। इस संबंध में स्कूल, कॉलेज और संस्थाओं के आधार पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ठगी से बचाव के लिए किसी के भी झांसे में न आएं और अपनी गोपनीय जानकारी किसी के साथ भी शेयर न करें। फोन पर तकनीक का इस्तेमाल कर रिश्तेदार बन ठगी को अंजाम दिया जा रहा है। इससे सतर्क रहें।
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