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    हिमाचल कांग्रेस को जल्द मिलेगा नया अध्यक्ष, कुर्सी के लिए अपनों की पैरवी; ये नाम रेस में आगे

    Updated: Mon, 16 Jun 2025 05:39 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी को जल्द ही नया अध्यक्ष मिलने की संभावना है क्योंकि पार्टी हाईकमान मिशन 2027 को ध्यान में रखकर नियुक्तियां करने की योजना बना रही है। अध्यक्ष पद के लिए कई नेता दौड़ में हैं जिनमें विनय कुमार सबसे आगे बताए जा रहे हैं। हाईकमान ऐसे अध्यक्ष की तलाश में है जिसकी जनता में मजबूत पकड़ हो और जो सभी को साथ लेकर चल सके।

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    हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष की तैनाती के लिए दिल्ली में मंथन (फाइल फोटो)

    अनिल ठाकुर, शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी को जल्द ही नया अध्यक्ष मिलेगा। आठ महीने से प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी भंग है। कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह अकेले ही कार्यकारिणी को चला रही है। पिछले 10 दिनों के भीतर नेताओं की दिल्ली दौड़ तेज हो गई है। बीते सप्ताह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी।

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    विस उपाध्यक्ष विनय कुमार को भी दिल्ली बुलाया गया। उन्होंने बीते रोज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खरगे के साथ मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद अध्यक्ष पद की रेस में वह सबसे आगे आ गए हैं। पिछले आठ महीनों से कांग्रेस नेता दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं। पार्टी के सभी धड़े अपनों की पैरवी हाइकमान से कर रहे हैं। हाइकमान ने तय कर दिया है कि राज्य अध्यक्ष हो या कार्यकारिणी में पदाधिकारियों की नियुक्ति इसमें कोई जल्दबाजी नहीं होगी।

    मिशन-2027 के मद्देनजर ही यह नियुक्तियां होगी। बड़े नेताओं का करीबी होने से अध्यक्ष की कुर्सी नहीं मिलेगी। नियुक्ति में देखा जाएगा कि संगठन में काम करने का कितना अनुभव है। किन किन पदों पर रहे हैं। जमीनी स्तर पर कितनी पकड़ है। सभी से समन्वय बनाकर नियुक्तियां होगी।

    प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल को इसका जिम्मा सौंपा है। वह अब सभी नेताओं से समन्वय बनाकर अध्यक्ष के नाम को लेकर अपनी रिपोर्ट हाइकमान को सौंपेगी। जबकि राज्य कार्यकारिणी के लिए नाम तय हो गए हैं।

    संगठन महासचिव सहित एक दो पद ऐसे होते हैं जो अध्यक्ष की पसंद को होते हैं उन पर मुहर अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद लगेगी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सपष्ट कर दिया है कि संगठन में किसी भी तरह का विवाद नहीं चाहिए।

    अध्यक्ष ऐसा बने जिसकी जनता के बीच मजबूत पकड़ भी हो और सभी को साथ लेकर चलने की क्षमता रखता हो। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दोबारा दिल्ली जा सकते हैं। संगठन के मसलों पर चर्चा की जाएगी जिसके बाद ही राज्य अध्यक्ष पर निर्णय होगा।

    इनके नाम रेस में आगे

    विनय कुमार

    विनय कुमार विधानसभा उपाध्यक्ष हैं और श्रीरेणुका जी से विधायक हैं। वे वीरभद्र सरकार में सीपीएस रह चुके हैं। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी संभाल चुके हैं। एससी वर्ग से संबंध रखने वाले विनय कुमार अध्यक्ष पद की रेस में आगे हैं। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का इन्हें करीबी माना जाता है।

    प्रतिभा सिंह

    प्रतिभा सिंह पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की पत्नी है। वह सांसद रह चुकी है। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने पिछला विस चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। पार्टी का एक धड़ा चाहता है कि उनका कार्यकाल बढ़ाया जाए। इसकी वकलात भी हाइकमान से कई नेता कर चुके हैं।

    विनोद सुल्तानपुरी

    विनोद सुल्तापुरी कसौली से विधायक है। वह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी है। एससी वर्ग से संबंध रखने वाले विनोद सुल्तानपुरी ने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। एक धड़ा उनके नाम की पैरवी भी कर चुका है।

    कुलदीप राठौर

    कुलदीप राठौर के पास संगठन का लंबा अनुभव है। वह ठियोग से विधायक हैं और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता है। पूर्व में जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तो वे अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने चार सीटें जीती थी। पार्टी का एक धड़ा जिनमें कुछ मंत्री भी शामिल है इन्हें अध्यक्ष बनाने की पैरवी कर रहा है। यहां तक की प्रदेश प्रभारी ने भी इसको लेकर इनके साथ चर्चा की थी।

    यादवेंद्र गोमा

    यादवेंद्र गोमा का नाम भी अध्यक्ष पद को लेकर चला है। वह राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री है। पूर्व में वह कांग्रेस एससी विभाग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। ऐसे में क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के आधार पर इनका नाम अध्यक्ष की रेस में आगे हैं।

    रबर स्टांप को अध्यक्ष न बनाने की बात कह चुके हैं विक्रमादित्य

    लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह रबड़ स्टांप को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की पैरवी कर चुके हैं। उनका कहना था कि पार्टी का अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जिसकी जिलों में मजबूत पकड़ हो। वह रबड़ स्टांप नहीं होना चाहिए। विक्रमादित्य सिंह हाईकमान से बीते सप्ताह मिले भी थे। इस दौरान भी उनकी संगठन को लेकर बातचीत हो चुकी है।

    विनय जिम्मेदारी निभाने के लिए हैं तैयार

    विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार का कहना है कि हाईकमान से उनकी बीते रोज मुलाकात हुई है। अध्यक्ष व कार्यकारिणी गठन का फैसला पार्टी हाइकमान करेगी। हाईकमान मुझे जो दायित्व देता है उस पर काम किया जाएगा व खरा उतरने का प्रयास किया जाएगा।