हाईकमान से मुलाकात करने CM सुक्खू पहुंचे दिल्ली, कांग्रेस संगठन के गठन पर होगा अंतिम मंथन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कांग्रेस हाईकमान से मिलने दिल्ली गए हैं जहाँ प्रदेश कांग्रेस संगठन के गठन पर चर्चा होगी। एक साल से संगठन भंग है जिससे भाजपा के हमलों का जवाब देना और सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। आगामी पंचायती राज चुनावों और सरकार के तीन साल पूरे होने पर संगठन का होना आवश्यक है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात करने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली रवाना हो गए हैं। हाईकमान से मुलाकात के दौरान प्रदेश में कांग्रेस के संगठन के गठन पर मंथन होगा।
करीब एक साल से हिमाचल में सिर्फ पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह के सहारे ही कांग्रेस का संगठन चल रहा है। संगठन के अभाव में कांग्रेस भाजपा के हमलों का जवाब देने में नाकाम है, साथ ही सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों को लोगों तक पहुंचाना भी मुश्किल हो रहा है।
कांग्रेस हाईकमान ने लोक सभा चुनाव में हिमाचल की चारों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की हार के बाद बीते साल 6 नवंबर प्रदेश कांग्रेस संगठन को भंग कर दिया था। जिला व ब्लाक इकाईयों के साथ साथ राज्य कार्यकारिणी को भी भंग कर दिया गया।
हाईकमान के आदेशों के बाद संगठन के नाम पर इन दिनों मात्र पीसीसी चीफ ही प्रदेश में हैं। हालांकि हाईकमान ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल के स्थान पर रजनी पाटिल को भी प्रभारी बनाया है, मगर संगठन का गठन नहीं हो सका।
प्रदेश कांग्रेस के संगठन को गठन को लेकर कई मर्तबा कवायद तेज हुई। प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेताओं ने हाईकमान के समक्ष अपने अपने करीबियों को संगठन की कमान सौंपने को लेकर दावे पेश करते हुए उनकी खूबियां गिनाई।
कभी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, तो कभी विधान सभा उपाध्यक्ष विनय कुमार , विनोद सुल्तानपुरी व संजय अवस्थी की पीसीसी चीफ के तौर पर नियुक्ति को लेकर चर्चाएं कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में होती रही, मगर एक साल से न तो संगठन का गठन हुआ , और न ही नया पीसीसी चीफ ही बनाया गया।
राज्य में आगामी दो महीनों में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव होने हैं। हालांकि इन संस्थाओं के चुनाव पार्टी चिन्ह पर नहीं होते, मगर राजनीतिक दलों का समर्थन उम्मीदवारों को रहता है। इसके अलावा सरकार का तीन साल का कार्यकाल भी दिसंबर में पूरा हो रहा है।
जाहिर है कि तीन साल के बाद सरकार को अपना रिर्पोट कार्ड लोगों के सामने रखना होगा। बगैर संगठन के कांग्रेस को सुक्खू सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों के साथ साथ उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाना मुश्किल होगा। लिहाजा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री दिल्ली में हाईकमान के समक्ष तमाम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके बाद प्रदेश मे कांग्रेस संगठन के गठन की तरफ बढ़ेगी।
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