हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पहली बार इतनी माथाापच्ची, नियुक्ति से पहले इन तीन बिंदुओं पर भी ध्यान
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद को लेकर इस बार गहन विचार-विमर्श हो रहा है। एक साल से कार्यकारिणी भंग है। हाईकमान कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए पर्यवेक्षकों की मदद ले रहा है। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर छह नेताओं को दिल्ली बुलाया गया। अध्यक्ष पद के लिए क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों पर ध्यान दिया जाएगा। आगामी पंचायती राज चुनाव नए अध्यक्ष के लिए पहली परीक्षा होगी।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद को लेकर पहली बार इतनी माथापच्ची की जा रही है। पहले वरिष्ठ नेताओं की राय के आधार पर ही निर्णय ले लिया जाता था। कांग्रेस की राज्य, जिला व ब्लाक की कार्यकारिणी भंग हुए एक साल का समय हो चुका है।
अभी तक कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है। कांग्रेस की मौजूदा अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का कार्यकाल पूरा हो चुका है।
हाईकमान ने कांग्रेस कार्यकारिणी गठन के लिए कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए पर्यवेक्षकों को तैनात किया था। प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल खुद दो बार वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर चुकी है। इसके अतिरिक्त सह प्रभारी व एआइसीसी की ओर से हर विधानसभा क्षेत्र में तैनात पर्यवेक्षकों ने भी रिपोर्ट दी है।
सूत्रों के अनुसार पार्टी पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर ही छह नेताओं के नाम शार्टलिस्ट किए थे, जिन्हें शुक्रवार को दिल्ली बुलाया गया था।
खुलकर रखी है नेताओं ने राय
सभी नेताओं ने संगठन को मजबूत करने के लिए खुलकर अपनी राय हाईकमान के समक्ष रखी है। नेताओं ने बताया कि एक साल से कार्यकारिणी भंग है। ऐसे में कार्यकर्ताओं को एकजुट करना होगा। बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने होंगे।
अध्यक्ष बनाने से पहले ये बिंदु भी देखे जाएंगे
अध्यक्ष की घोषणा से पहले हिमाचल का क्षेत्रीय व जातीय समीकरण देखा जाएगा। राज्य में 32 प्रतिशत राजपूत, 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 18 प्रतिशत ब्राह्मण, 13 प्रतिशत ओबीसी, पांच प्रतिशत अनुसूचित जनजाति व सात प्रतिशत अन्य जातियां शामिल हैं। युवा कांग्रेस, एनएसयूआइ व महिला कांग्रेस अध्यक्ष कहां से हैं ये सारी चीजें भी केंद्र में रहेगी। हिमाचल में 17 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं।
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पंचायत चुनाव में पहली परीक्षा
हिमाचल में पंचायती राज चुनाव होने हैं। जो भी नया अध्यक्ष बनेगा उसके समक्ष इन चुनावों में जीत हासिल करना पहली परीक्षा होगी। ये चुनाव पार्टी चिह्न पर नहीं होते, लेकिन जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनते हैं। ये सीधे तौर पर पार्टी के प्रतिनिधि होते हैं। ऐसे में हर दल चाहेगा कि यहां पर उनका ही प्रतिनिधि बैठे।

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