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    Himachal: सीएम सुक्खू बोले- जागरूकता से समाज में AIDS के प्रति दृष्टिकोण में आएगा सकारात्मक बदलाव

    By AgencyEdited By: Nidhi Vinodiya
    Updated: Fri, 01 Dec 2023 10:40 PM (IST)

    विश्व एड्स दिवस पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कहा कि सरकार एड्स से पीड़ित बच्चों को शैक्षिक अवसर प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करेगी और अगले वित्तीय वर्ष में बजटीय प्रावधान करेगी। इस प्रकार उनकी ओर मदद का हाथ बढ़ाया जा रहा है और उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जा रहा है।

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    जागरूकता से समाज में AIDS के प्रति दृष्टिकोण में आएगा सकारात्मक बदलाव, File Photo

    एएनआई, शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कहा कि सरकार एड्स से पीड़ित बच्चों को शैक्षिक अवसर प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करेगी और अगले वित्तीय वर्ष में बजटीय प्रावधान करेगी। इस प्रकार उनकी ओर मदद का हाथ बढ़ाया जा रहा है और उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जा रहा है।

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    विश्व एड्स दिवस पर शिमला के होटल पीटरहॉफ में 'समुदायों को नेतृत्व करने दें' विषय पर आधारित एक राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी से इस बीमारी के आघात से पीड़ित लोगों की मदद के लिए आगे आने का आह्वान किया।

    लोगों की सोच और दृष्टिकोण में व्यापक बदलाव आया

    सीएम सुक्खू ने कहा कि पहले एड्स से पीड़ित व्यक्ति को हेय दृष्टि से देखा जाता था, लेकिन पिछले एक दशक से लगातार जागरूकता कार्यक्रमों के कारण लोगों की सोच और दृष्टिकोण में व्यापक बदलाव आया है। वर्तमान सरकार लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।

    विकलांग बच्चों के लिए एक स्कूल या कॉलेज खोलने पर भी विचार किया

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपने आगामी बजट में विशेष रूप से विकलांग बच्चों के अलावा विधवाओं के लिए भी एक योजना शुरू करेगी, उन्होंने कहा कि राज्य में विशेष रूप से विकलांग बच्चों के लिए एक स्कूल या कॉलेज खोलने पर भी विचार किया जा रहा है।

    अनाथ बच्चों का खर्च वहन करेगी हिमाचल सरकार 

    सीएम सुक्खू ने कहा कि मैं ऐसे बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने और उन्हें समाज का अभिन्न अंग बनाने के लिए उनकी आंख, कान और वाणी बनने के लिए अपनी सरकार के साथ खड़ा हूं। उन्होंने आगे कहा कि अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की गई है, जिसके तहत राज्य सरकार उनकी पढ़ाई और आवास सहित अन्य जरूरतों का खर्च वहन करेगी।

    उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अनाथ बच्चों के 27 वर्ष की आयु तक पालन-पोषण की व्यवस्था की गयी है तथा इसके लिए अधिनियम भी बनाया गया है। उन्होंने युवाओं से सफलता के लिए चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने की अपील की।

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समेत नए पाठ्यक्रम शुरू किए

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में बड़े सुधारों पर विचार कर रही है, उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में आगामी शैक्षणिक सत्र के दौरान कक्षा 1 से अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा शुरू की जाएगी।

    उन्होंने यह भी कहा कि पर्याप्त शिक्षकों की भर्ती की जाएगी और खेल के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा।

    राज्य सरकार सरकारी संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समेत नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।

    10 वर्षों में हिमाचल प्रदेश देश का सबसे समृद्ध राज्य होगा

    सीएम ने कहा कि सीमित संसाधनों और भारी कर्ज के बोझ के बावजूद राज्य सरकार चार साल में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला देगी और अगले 10 वर्षों में हिमाचल प्रदेश देश का सबसे समृद्ध राज्य होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए कड़े फैसले ले रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेंगे।

    मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर इस खतरनाक बीमारी को फैलने से रोकने में बहुमूल्य योगदान के लिए विभिन्न संगठनों को पुरस्कार प्रदान किये।

    स्टैंड अलोन इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर ऊना, डॉ. राधाकृष्णन गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर (एसटीआई क्लिनिक), एआरटी आईजीएमसी शिमला (एआरटी सेंटर) और एनजीओ सनराइज-टार्गेटेड इंटरवेंशन प्रोजेक्ट (टीआईपी) ऊना को सर्वश्रेष्ठ सेवा केंद्र के रूप में सम्मानित किया गया।