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Himachal Budget 2024: अब पौंग बांध के वेटलैंड किनारे भी किसान कर सकेंगे खेतीबाड़ी, सुक्खू सरकार ने दी मंजूरी

Himachal Budget 2024 हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पौंग डैम एरिया के वेटलैंड यानी गिली भूमि में भी अब किसान खेती कर सकेंगे। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने इस बाबत मंजूरी दे दी है। सदन में सुक्खू सरकार ने कहा कि सरकार अभी वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी एरिया से कुछ हिस्से को हटाने के प्रयास कर रही है। जल्द ही...

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Published: Fri, 23 Feb 2024 02:52 PM (IST)Updated: Fri, 23 Feb 2024 02:52 PM (IST)
Himachal Budget 2024: अब पौंग बांध के वेटलैंड किनारे भी किसान कर सकेंगे खेतीबाड़ी

जागरण संवाददाता, शिमला। कांगड़ा जिले के पौंग डैम एरिया के वेटलैंड (गिली भूमि) में भी अब खेती-बाड़ी हो सकेगी। सरकार ने इस साल से इसकी इजाजत दे दी है।

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक होशियार सिंह के मूल, भवानी सिंह पठानिया और बिक्रम सिंह के प्रतिपूरक के सवाल के जवाब में यह बात कही।

विधानसभा हलकों के विधायकों से चर्चा कर लिए जाएंगे सुझाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि पौंग डैम एरिया में अभी तक इको सेंसिटिव जोन घोषित किया गया है और न ही इसकी कोई अधिसूचना जारी की गई है। उन्होंने कहा कि जब इसे अधिसूचित किया जाएगा, उससे पहले संबंधित विधानसभा हलकों के विधायकों से चर्चा कर उनके सुझाव लिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार अभी वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी एरिया से कुछ हिस्से को हटाने के प्रयास कर रही है, लेकिन इसके नियम काफी कड़े हैं। उन्होंने कहा कि पहले वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी की अधिसूचना जारी होगी और उसके बाद इको सेंसिटिव जोन बनाने का कार्य किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। इसका कारण प्राकृतिक और वहां बोटिंग के लाइसेंस पिछले लंबे समय से जारी न होना है।

पर्यटन विभाग को आदेश जारी किए गए

उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग को आदेश जारी कर दिए गए हैं कि वह बोटिंग के लाइसेंस जारी करे। उन्होंने कहा कि पौंग डैम एरिया में कोई टाइगर नहीं है। उन्होंने कहा कि पौंग डैम में वित्त वर्ष 2021-22 में 881680 रुपए और वर्ष 2022-23 में 216810 और वर्ष 2023-24 में इस साल 15 जनवरी तक 236150 रुपए की आय टिकट विंडो, बोटिंग और रेस्ट हाउस से हुई है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में 4956, वर्ष 2022-23 में 2198 और वर्ष 2023-24 में अब तक 1728 सैलानी यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में 110 प्रजाति के 110309 पक्षी, वर्ष 2022-23 में 108 प्रजाति के 117022 और वर्ष 2023-23 में अब तक 86 प्रजाति के 83555 पक्षी यहां पर आए हैं।

करोड़ो रुपए कर्मचारियों को वेतन के रूप में दिए जा रहे हैं

इससे पहले, विधायक होशियार सिंह ने सवाल किया कि पौंग डैम के सेंक्चुरी एरिया में कितने टाइगर है। साथ ही पूछा कि इस वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी एरिया से कितनी आय हुई है। कितने पेड़ पौधे इसके दायरे में है। उन्होंने इको सेंसिटिव जोन के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यहां पर हर साल सैलानियों की संख्या भी घट रही है और पक्षियों की भी। उन्होंने कहा कि वहां पर करोड़ों रुपए कर्मचारियों को वेतन के रूप में दिए जा रहे हैं, जबकि आय नाममात्र हुई है।

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विधायक भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि वेटलैंड में खेती बाड़ी शुरू करवाई जाए, इससे वहां पक्षियों की तादाद भी बढ़ेगी। विधायक बिक्रम सिंह ने कहा कि इको सेंसेटिव जोन को लेकर सभी संबंधित लोग चिंतित हैं और इसे लेकर सभी से विचार-विमर्श होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वहां जो किसान रह रहे हैं, उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।

सेंसिटिव जोन का नोटिफिकेशन जारी

इस बीच, कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि इको सेंसिटिव जोन की जब अधिसूचना जारी की, उस समय किसी से भी आपत्तियां नहीं मंगवाई गई, जबकि ऐसा होना चाहिए था कि पहले आपत्तियां मंगवाते।

उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड है और कई तरह के नियम यहां लागू होते हैं। उन्होंने कहा कि इको सेसिंटिव जोन बनने के बाद वहां किसी भी तरह के निर्माण के लिए पहले अनुमति अनिवार्य हो जाएगी।

उन्होंने सुझाव दिया कि यह अधिसूचना वापस होनी चाहिए। उधर, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है और विधायक काफी चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी चिंता से वाकिफ है और जल्द ही सभी से विचार-विमर्श किया जाएगा और वे पीसीसीएफफ को भी लिखकर दे सकते हैं।

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