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    कुफरी में घोड़ो की लीद से फेफड़ो की बीमारी पर हाईकोर्ट सख्त

    By Edited By:
    Updated: Tue, 20 Dec 2016 11:24 AM (IST)

    श‍िमला के कुफरी में घोड़ो की लीद ने ग्रामीणों की सेहत खतरे में डाल दी है। इसको लेकर प्रदेश उच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर नीति निर्धारण करन ...और पढ़ें

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    जेएनएन, शिमला : हिमाचल प्रदेश के शिमला के साथ लगते प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कुफरी में पर्यटको से खुली लूट होती है। वहीं, घोड़ो की लीद ने ग्रामीणों की सेहत खतरे में डाल दी है। सफाई व्यवस्था न होने के कारण लोगों में फेफड़े का संक्रमण पैदा होता रहता है। पेट की बीमारियों से भी लोग पीड़ित है। घोड़ो की लीद से अमोनिया आक्साइड निकलती है। इस क्षेत्र के पेयजल स्रोतो तक लीद घुलकर पानी को दूषित करती है। इस तरह की स्थिति को देखते हुए प्रदेश उच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर नीति निर्धारण करने के लिए कहा है। इसके अलावा सफाई व्यवस्था के साथ पर्यटन स्थलों की हालत सुधारने के निर्देश दिए है।

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    स्थानीय कारोबारियों के घोड़ो द्वारा फैलाई जा रही गदंगी व पर्यटकों के साथ आए दिन होने वाली बदसलूकी को न्यायालय ने गंभीरता से लिया है। कानूनी अव्यवस्था से संबंधित मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रदेश महाधिवक्ता के साथ सभी संबंधित अधिकारी इस संबंध में बैठक करेंगे। इस मामले की सुनवाई 27 दिसंबर को होगी। शिमला जिला के उपायुक्त को भी सुझावों पर अमल करना होगा। मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर व न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता व कोर्ट मित्र को आदेश दिए कि वह जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा पहलगाम, गुलमर्ग, सोनमर्ग, अहरबल व पटनीटॉप के लिए बनाए कानूनों का अध्ययन करें ताकि उसी तर्ज पर कुफरी जैसे राज्य के दूसरे पर्यटन स्थलों को भी विकसित किया जा सके। न्यायालय ने उपायुक्त शिमला को आदेश दिए कि वह कोर्ट मित्र द्वारा दिए गए सुझावो के दृष्टिगत कारगर कदम उठाएं।

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    कुफरी निवासी राकेश मेहता ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उपरोक्त क्षेत्र की समस्याओं से अवगत करवाते हुए सरकार व स्थानीय प्रशासन को जरूरी निर्देश देने की गुहार लगाई थी। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि घोड़ो को चलाने के लिए कारोबारियों ने अधिकतर नेपालियों के नाबालिग बच्चों को काम पर रखा है जो पर्यटको के साथ अभद्र व्यवहार करते है।

    महासू पीक में नहीं रही हरियाली

    महासू पीक घोड़ो के चलने से हरियाणी रहित हो गया है। हवा चलने पर मिट्टी उड़ती है। लीद उठाने वाला कोई नहीं है। चीनी बंगला स्की करने का स्थान है मगर घोड़ो के कारण यहां पर बारिश होने पर चलना मुश्किल हो जाता है।

    वसूले जाते है मनमाने दाम

    उपायुक्त ने महासू पीक तक जाने वाले पर्यटको से किराया 500 रुपये प्रति व्यक्ति कर दिया है। इससे पहले 350 रुपये रेट था। सर्दियो में बर्फबारी होने के बाद पर्यटको से प्रति व्यक्ति एक हजार से दो हजार रुपये वसूले जाते है।

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