हिमाचल में भारी बारिश ने मचाई तबाही, भूस्खलन और बाढ़ का अलर्ट जारी; कई जिलों में शिक्षण संस्थान बंद
हिमाचल प्रदेश में अगस्त में सामान्य से 72% अधिक वर्षा हुई जिससे बादल फटने की घटनाओं में वृद्धि हुई। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। ऊना जिले में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में अगस्त में सामान्य से 72 प्रतिशत अधिक वर्षा ने तबाही मचाई है। अगस्त में सामान्य वर्षा 256.8 होती है, जबकि इस बार 440.8 मिलीलीटर वर्षा हुई। चार वर्षों में इस बार बादल फटने की अधिक घटनाएं हुई हैं।
इसके कारण भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं अधिक हुईं और जान-माल का नुकसान झेलना पड़ा। पहले 20 से 25 बादल फटने की घटनाएं होती थीं, लेकिन इस बार मानसून में अभी तक 45 घटनाएं हो चुकी हैं। सितंबर में भी वर्षा से राहत मिलने की संभावना नहीं है।
मौसम विभाग ने पहली से तीन सितंबर तक भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। कांगड़ा, शिमला, मंडी, सोलन, हमीरपुर, सिरमौर, बिलासपुर जिले में पहली सितंबर को सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। चंबा के सलूणी उपमंडल व कुल्लू जिले के निरमंड एवं आनी उपमंडल में पहली सितंबर और कुल्लू, मनाली व बंजार उपमंडल में दो दिन शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।
शिक्षक व गैर शिक्षकों को शिक्षण संस्थानों में आना होगा। अगस्त में सबसे अधिक वर्षा ऊना जिले में 823.6 मिलीमीटर हुई है, जो सामान्य से 121 प्रतिशत अधिक है। प्रतिशतता के आधार पर सबसे अधिक वर्षा कुल्लू में 472.9 मिलीमीटर हुई है, जो सामान्य वर्षा 180.2 मिलीमीटर से 162 प्रतिशत अधिक है। मंडी में सामान्य से 72 प्रतिशत, शिमला 126, चंबा में 104 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। किन्नौर और लाहुल स्पीति में भी सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई।
पूर्व में सामान्य तौर पर इन दोनों जिलों में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की जाती रही है। प्रदेश में जून में 40 करोड़, जुलाई में 1287 करोड़ और अगस्त में 1713 करोड़ रुपये का नुकसान आंका जा चुका है। 166 लोगों की बादल फटने, भूस्खलन व अन्य कारणों से मौत हुई है। मकानों, दुकानों और पशुशालाओं सहित अन्य संपत्ति को नुकसान हुआ है।
मौसम विभाग ने पहली सितंबर को ऊना, कांगड़ा, शिमला, सिरमौर व बिलासपुर में बहुत भारी वर्षा की चेतावनी दी है। दो सितंबर को मंडी, कुल्लू, कांगड़ा में बहुत से अत्यधिक भारी वर्षा का रेड और तीन सितंबर को शिमला व सिरमौर में भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया है।
प्रशासन ने जारी की एडवायजरी
प्रशासन ने निचले इलाकों में जलभराव, अचानक बाढ़ व भूस्खलन की चेतावनी दी है। प्रशासन ने अपील की है कि लोग नदी-नालों के किनारे न जाएं, अनावश्यक यात्रा से बचें और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें। आपात स्थिति में 1077 पर संपर्क करें।
पांच जिलों में बहुत भारी भारी वर्षा की चेतावनी
अगस्त में सामान्य से 72 प्रतिशत अधिक वर्षा के बाद सितंबर की शुरुआत में भी भारी वर्षा के क्रम से प्रदेश को राहत मिलने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग ने सोमवार को ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर, शिमला, सिरमौर जिले में बहुत भारी वर्षा की चेतावनी दी है।
अन्य जिलों में भी वर्षा की संभावना है। दो सितंबर को मंडी, कुल्लू, कांगड़ा जिले में बहुत भारी से अत्यधिक भारी वर्षा का रेड और तीन सितंबर को शिमला व सिरमौर जिले में भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया है।
कई जिलों में शिक्षण संस्थान रहेंगे बंद, एडवायजरी जारी
इसे देखते हुए कई जिलों में प्रशासन ने शिक्षण संस्थानों में सोमवार को अवकाश की घोषणा की है। प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों के किनारे और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है। प्रदेश में चार राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) सहित 662 सड़कें बाधित हैं। 985 ट्रांसफार्मर व 495 पेयजल योजनाएं ठप हैं।
- इस बार बादल फटने की सबसे अधिक 45 घटनाएं हुईं
- ऊना जिले में सबसे अधिक वर्षा, सामान्य से 121 प्रतिशत ज्यादा
- प्रदेश में चार राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 662 सड़कें बाधित
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