हिमाचल में भारी बारिश बनी आफत, घंटों तक फंसे रहे 4 हजार पर्यटक; लाहुल स्पीति में बाढ़ के मलबे में फंसी कई गाड़ियां
हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण शिमला, कुल्लू और लाहुल स्पीति सहित कई जिलों में बाढ़ आ गई। लाहुल स्पीति में मनाली-शिंकुला-जंस्कार और मनाली-बारालाचा-लेह जैसे प्रमुख मार्ग अवरुद्ध हो गए, जिससे लगभग चार हजार पर्यटक पांच घंटे तक फंसे रहे। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने फंसे हुए पर्यटकों को सुरक्षित निकाला और अधिकांश मार्गों को बहाल किया।
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लाहुल स्पीति जिले में बाढ़ के मलबे में कई गाड़ियां फंस गई हैं। फाइल फोटो
जागरण टीम, शिमला/मनाली। हिमाचल में मंगलवार को शिमला, कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, कुल्लू व लाहुल स्पीति में वर्षा हुई। भारी वर्षा से लाहुल स्पीति जिले में बाढ़ से खासा नुकसान हुआ। मंगलवार दोपहर बाद मनाली-शिंकुला-जंस्कार, मनाली-बारालाचा-लेह व मनाली-काजा-समदो मार्ग पर कई जगह नालों में बाढ़ आ गई। लगभग चार हजार पर्यटक पांच घंटे तक यहां फंसे रहे।
जिंगजिंगबार के पास बाढ़ आने से बर्फ देखने बारालाचा गए लगभग तीन हजार व शिंकुला के समीप एक हजार से अधिक पर्यटक घंटों फंसे रहे। रात आठ बजे सड़क बहाल होते ही पर्यटक अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने दोनों ओर काम कर फंसे पर्यटकों को निकाला। स्पीति घाटी में लोसर के समीप नाले में बाढ़ आने से चार वाहन मलबे में फंस गए हैं। सभी लोग सुरक्षित हैं, उन्हें लोसर ठहराया गया है।
बीआरओ कमांडर कर्नल गौरव ने बताया कि अधिकतर मार्ग बहाल कर लिए हैं। शेष मार्गों की बहाली जारी है। लाहुल घाटी के जाहलमा नाले में बाढ़ का पानी कम हो गया है। चंद्रभागा नदी में झील अभी बनी हुई है। हालांकि नदी ने अपना रास्ता बना लिया है, लेकिन लिंडूर गांव की पहाड़ी से आया भारी भरकम मलबा नदी में आ पहुंचा है।
कांगड़ा जिले के तहत नूरपुर उपमंडल में चक्की खड्ड में बाढ़ आने से रेलवे पुल की मरम्मत में जुटे तीन मजदूर पानी के बहाव में फंस गए। इस दौरान उन्होंने पोकलेन पर चढ़कर जान बचाई। जलस्तर कम होने पर करीब तीन घंटे बाद एनडीआरएफ के जवानों व रेलवे बोर्ड के कर्मचारियों ने तीनों को सुरक्षित निकाला।
आज सात जिलों में भारी वर्षा की संभावना
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों में एक से दो स्थानों पर बहुत भारी वर्षा की संभावना है। इस दौरान कई स्थानों पर भूस्खलन और बिजली, पानी और अन्य सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
नादौन में हुई सबसे अधिक वर्षा
प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान हमीरपुर जिले के नादौन में सबसे अधिक 63.5, कांगड़ा में 55.5, पांवटा साहिब में 49, हमीरपुर में 46, गुलेर में 42.4, मंडी में 41 और भराड़ी में 33.4 मिलीमीटर वर्षा हुई। कुकुमसेरी में 46 और बजौरा में 41 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से हवाएं चलीं।
वर्षा के बाद प्रदेश में अधिकतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है। ताबो में चार डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ गया और ऊना के तापमान के लगभग बराबर 34.8 पहुंच गया। ऊना का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस व हमीरपुर में 36.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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