धर्मशाला में 70 वर्ष बाद एक दिन में रिकॉर्ड 234 मिमी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने धर्मशाला में 70 साल बाद सबसे अधिक वर्षा दर्ज की जो 234.4 मिलीमीटर है। भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण कई राष्ट्रीय राजमार्ग और सड़कें बंद हैं जिससे यातायात बाधित है। 373 ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली आपूर्ति और 188 पेयजल योजनाएं बंद होने से पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। कांगड़ा मंडी और सिरमौर में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी भारी वर्षा के अलर्ट के बीच धर्मशाला में चौबीस घंटों के दौरान सितंबर माह में 1955 के बाद यानी 70 वर्ष बाद सबसे अधिक 234.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। 4 सितंबर 1955 को चौबीस घंटों के दौरान आज तक की सितंबर माह में सबसे अधिक 255 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
पालमपुर में 126.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में बीते चौबीस घंटों की भारी वर्षा व भूस्खलन के कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्ग जिनमें ऊना में एनएच 503, कुल्लू में एनएच 03 व 305 सहित कुल 565 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंडी में 176, कुल्लू में 170,शिमला में 56, कांगड़ा में 46 सड़कें बंद हैं। 373 ट्रांसफार्मर खराब हैं जिसके कारण कई गांव में बिजली नहीं है।
मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार सोमवार को प्रदेश के तीन जिलों कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किसा गया है। जबकि कुछ स्थानों पर आंधी और आसमानी बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है।
प्रदेश में अभी तक बादल फटने की 46 घटनाएं हो चुकी हैं।प्रदेश में 4489 करोड़ का नुकसान हो चुका है। 229 लोगों की बादल फटने, भूस्खलन, अचानक बाढ़ और अन्य कारणों से मौत हो चुकी है। 188 पेयजल योजनाएं अभी भी बंद है जिसके कारण पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। लोकनिर्माण विभाग को अभी तक 2793 करोड़ का सबसे अधिक नुकसान हुआ है।
लाहुल स्पीति का ताबो सबसे गर्म
प्रदेश में लाहुल स्पीति के ताबो में 1.3 डिग्री की गिरावट आने के बावजूद सबसे अधिक 34.7 डिग्री जबकि बिलासपुर में दो डिग्री की वृद्धि के साथ 32.2 और ऊना में 1.6 डिग्री की गिरावट के साथ 30.6 डिग्री दर्ज किया गया है।
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