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    Himachal Weather: हिमाचल में भारी बारिश, ऊना में टूटा 14 साल का रिकॉर्ड; 403 सड़कें बंद

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 07:32 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में ऊना कांगड़ा चंबा में भारी वर्षा हुई। ऊना में 2011 के बाद सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई जिससे शिक्षण संस्थान बंद रहे। कांगड़ा में एक घर गिर गया। वर्षा और भूस्खलन से 403 सड़कें बंद हैं। मौसम विभाग ने शिमला सोलन और सिरमौर में भारी वर्षा की संभावना जताई है। मनाली-लेह मार्ग भूस्खलन से बाधित रहा बाद में छोटे वाहनों के लिए खोला गया।

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    हिमाचल में भारी बारिश का कहर, कई सड़कें बंद। फाइल फोटो

    जागरण टीम, शिमला/मंडी/मनाली। हिमाचल प्रदेश में शनिवार को ऊना, कांगड़ा, चंबा सहित अन्य स्थानों पर वर्षा हुई। ऊना जिले में बीते 24 घंटे के दौरान 13 अगस्त, 2011 के बाद अब तक भारी वर्षा दर्ज की गई। 13 अगस्त 2011 को ऊना में 342.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी, वहीं शनिवार यानी दो अगस्त को 260.8 मिलीमीटर हुई।

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    ऊना व चंबा में भारी वर्षा के कारण शिक्षण संस्थान बंद रहे। ऊना, अंब, संतोषगढ़ और गगरेट में घरों, दुकानों व कार्यालयों में जलभराव हुआ। चंबा के भरमौर व पांगी उपमंडल में भारी वर्षा के कारण शिक्षण संस्थानों में छुट्टी रही। कांगड़ा के हडवाल गांव में घर गिरा। प्रदेश में वर्षा और भूस्खलन के कारण लाहुल स्पीति में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-505 के अलावा 403 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं।

    मौसम विभाग ने तीन अगस्त को शिमला, सोलन और सिरमौर में भारी वर्षा की संभावना जताई है। प्रदेश में 411 ट्रांसफार्मर और 196 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। अधिकतम तापमान में एक से चार डिग्री सेल्सियस का अंतर आया है। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान नेरी में 31.8, ऊना में 30.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

    मनाली के धुंधी के पास भूस्खलन से बाधित मनाली-लेह मार्ग शनिवार को 12 घंटे बाद छोटे वाहनों के लिए बहाल हो गया। रोहतांग दर्रा होते हुए बड़े वाहन भेजे जा रहे हैं। यहां भी मढ़ी के पास भूस्खलन हुआ था। नेहरूकुंड पुल के समीप सड़क का बड़ा हिस्सा फिर से धंस गया है। इस हिस्से में यातायात एकतरफा बहाल है। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पांच घंटे बाद बहाल हुआ।

    शनिवार तड़के चार बजे कैंची मोड़ के पास फिर भूस्खलन से चट्टानें व मलबा फोरलेन पर आ गया था। भूस्खलन के कारण कुल्लू से नूरपुर जा रहे एक शव वाहन समेत कई अन्य गाड़ियां कैंची मोड़ पर फंस गई थीं। भारी वर्षा से नदियों व बांधों के जलस्तर में व़ृद्धि दर्ज की गई है। पौंग बांध में कभी भी पानी छोड़ा जा सकता है। इस संबंध में सतर्क किया है।

    शानन और बस्सी परियोजना में 14 घंटे ठप रहा विद्युत उत्पादन

    ऊहल और लंबाडग नदी में बाढ़ आने से पंजाब राज्य की 110 मेगावाट पनविद्युत परियोजना शानन और हिमाचल की 66 मेगावाट बस्सी परियोजना में करीब 14 घंटे विद्युत उत्पादन रोकना पड़ा। दोनों ही विद्युत परियोजनाओं को लगभग 28 लाख मिलियन यूनिट जनरेशन का नुकसान उठाना पड़ा। शनिवार सुबह करीब सात बजे के बाद दोनों परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन से राहत मिल पाई।