हिमाचल में 15 तक जारी रहेगा भीषण बारिश का कहर, तीन की मौत; पौंग के पानी में फंसे 17 लोग बचाए
हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण शिमला कांगड़ा और मंडी में जनजीवन प्रभावित हुआ है। भूस्खलन की घटनाओं में तीन लोगों की दुखद मौत हो गई है। मंडी के सुंदरनगर में खड्ड पार करते समय शाहपुर में पुल से गिरने से और जवाली में पौंग झील में डूबने से ये दुर्घटनाएं हुईं। मौसम विभाग ने 15 अगस्त तक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।

जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल में शनिवार को शिमला, कांगड़ा, मंडी सहित अन्य स्थानों पर भारी वर्षा हुई। लगातार हो रही वर्षा से जनजीवन पर असर पड़ा है। कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। सुंदरनगर में खड्ड पार करते, शाहपुर में पुलिस से गिरने और जवाली में पौंग झील में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई।
मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल में हेतराम पुत्र जीणू निवासी भलाण खड्ड पार करने के दौरान बह गया। जवाली के तहत पौंग झील में डूबने से 80 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई, झोंका रतियाल पंचायत निवासी बुजुर्ग उत्तम चंद भेड़-बकरियां चराने गया था।
शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के रैत गांव में पठानकोट-मंडी फोरलेन पर बनाई जा रही पुलिया से गिरकर नशैहरा निवासी 52 वर्षीय रविंद्र कुमार की भी मौत हो गई। रविंद्र द्रम्मण में एक दुकान में काम करता था। वहीं, पौंग बांध से पानी छोड़ने के कारण शनिवार को फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत रियाली पंचायत के वार्ड नौ के 17 लोग फंस गए।
पुलिस के जवानों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बडूखर को हाजीपुर (पंजाब) के साथ जोड़ने वाले ब्यास नदी पर बने पुल की सुरक्षा के लिए लगाए क्रेट भी बह गए। प्रशासन ने पुल से मालवाहकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है।
वहीं, कुल्लू जिले के बंजार-बालीचौकी के पास मार्ग पर सिहड़ा पुल के पास सड़क पर मलबा आने से वाहन फंस गए। इस बरसात में अब तक प्रदेशभर में वर्षा जनित हादसों में 219 लोगों की मौत हुई है। 37 लोग लापता व 315 घायल हुए हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 43, कांगड़ा में 32, चंबा में 26, शिमला में 21, कुल्लू में 18, किन्नौर में 16, सोलन में 15, हमीरपुर व ऊना में 13-13, बिलासपुर व सिरमौर में आठ-आठ और लाहुल-स्पीति में छह लोगों की मौत हुई है।
मडाह नाले का बहाव हुआ सुचारू
मंडी जिले की ऋषि पराशर की घाटी के मडाह नाले का भूस्खलन से शुक्रवार रात बहाव रुक गया था। शनिवार सुबह बहाव सुचारू हो गया। हालांकि, इससे चार गांवों पर खतरा अभी टला नहीं है। कालंग के बाद मडाह व बागी में बने हालात को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा है।
बालीचौकी नाले में आई बाढ़ से कई रास्ते क्षतिग्रस्त हुए हैं। कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग शुक्रवार देर रात चक्की मोड़ के पास वर्षा के कारण पहाड़ से मलबा गिरने से कुछ समय के लिए बाधित रहा।
15 तक भारी वर्षा की संभावना
मौसम विभाग ने 15 अगस्त तक भारी वर्षा की संभावना जताई है। 11 से 14 अगस्त तक मानसून के कड़े तेवर देखने को मिलेंगे। 10 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर जिलों में भारी वर्षा की संभावना है।
11 अगस्त को कांगड़ा और कुल्लू जिलों में भारी से बहुत भारी, वहीं ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला, सोलन, सिरमौर में भारी वर्षा का यलो अलर्ट रहेगा। 12 अगस्त को ऊना, कांगड़ा व सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी, जबकि हमीरपुर, चंबा, कुल्लू, मंडी में भारी वर्षा की संभावना है।
13 अगस्त को कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी, वहीं सोलन जिला में भारी वर्षा की संभावना है। 15 अगस्त को भारी वर्षा का यलो अलर्ट है। इस दौरान प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेशभर में भूस्लखन से 362 सड़कें बंद हैं। वहीं, 613 ट्रांसफार्मर व 520 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं।

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