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    Himachal News: अयोग्य विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, विधानसभा स्पीकर के साथ चुनाव आयोग को भी नोटिस

    Updated: Mon, 18 Mar 2024 02:23 PM (IST)

    राज्यसभा चुनाव में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। जिसके बाद विधायकों ने स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। आज इसी मामले में न्यायालय ने सुनवाई करते हुए विधानसभा स्पीकर के कार्यालय से जवाब मांगा है। तब तक छह अयोग्य विधायकों को विधानसभा कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने का आदेश दिया है।

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    Himachal News: अयोग्य घोषित विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, शिमला। पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Assembly) से अयोग्य घोषित कांग्रेस के छह विधायकों (Six Congress MLAs disqualified) के मामले की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अपनी अयोग्यता के खिलाफ कांग्रेस के छह बागियों की याचिका पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया (Kuldeep Singh Pathania) के कार्यालय से जवाब मांगा है।

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    अयोग्य विधायक विधानसभा की कार्यवाही में नहीं ले पाएंगे भाग-SC

    सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि उनकी याचिका पर फैसला आने तक बागी हिमाचल प्रदेश कांग्रेस विधायकों को वोट देने या विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अयोग्य विधायकों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से स्टे नहीं मिला है।

    विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही उनसे चार हफ्तों में जवाब भी मांगा है। इतना ही नहीं खाली हुई सीट पर उपचुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 6 मई को होगी।

    विधानसभा बजट सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान की शिकायत पर सुनवाई करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इन विधायकों को अयोग्य घोषित किया है।

    खाली हुई छह सीटों पर होना है उपचुनाव

    इन नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पिछली सुनवाई में इनसे पूछा था कि वे हाई कोर्ट क्यों नहीं गए, सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए हैं। इस बीच, शनिवार को चुनाव आयोग ने इन विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों को रिक्त मानते हुए उपचुनाव की घोषणा कर दी है।

    पहली जून को होने वाले संसदीय चुनाव के साथ इन क्षेत्रों में भी मतदान का शेड्यूल जारी किया है। अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद ही तस्वीर साफ होगी।

    दोनों पार्टियों ने शुरू किया मंथन, बदलनी पड़ेगी रणनीति लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के साथ ही छह सीटों पर विधानसभा उपचुनाव (by-election) करवाने की घोषणा हो जाएगी, इसका आभास शायद किसी को नहीं था।

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     विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को दिया था वोट

    अब कांग्रेस (Himachal Congress) व भाजपा (Himachal BJP) ने इसको लेकर मंथन शुरू कर दिया है। दोनों ही पार्टियों को प्रत्याशियों के चयन के लिए कड़ी कसरत करनी होगी। जिन कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठहराया है, उन्होंने राज्यसभा चुनाव (Rajysabha Elections) में भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया था।

    इनका कहना है कि डेढ़ वर्ष में उनके काम न होने से वे नाराज थे। ये अपने क्षेत्रों में स्थापित नेता हैं और लोगों का समर्थन इनके साथ है। कांग्रेस को इन छह क्षेत्रों में नए प्रत्याशी देने होंगे, जबकि भाजपा के समक्ष यह चुनौती है कि इन्हें टिकट दिया जाए या फिर पिछले चुनाव में हारे अपने नेता पर विश्वास जताया जाए। इस पर दोनों पार्टियों ने रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है।

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