संजीवनी बूटी के साथ यहां रुके थे हनुमान, दुर्लभ जड़ी-बूटियों से होगा श्रृंगार
प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज शिमला के जाखू क्षेत्र का अब जड़ी-बूटियों से श्रृंगार होगा।
शिमला [रमेश सिंगटा]: प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज शिमला के जाखू क्षेत्र का अब जड़ी-बूटियों से श्रृंगार होगा। जयराम सरकार यहां संजीवनी पार्क बनाएगी। यह पूरे हिमाचल का अनूठा पार्क होगा। पार्क से इस ऐतिहासिक स्थल का महत्व बढ़ जाएगा। मान्यता है कि रामायण काल में जब लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे, तब हनुमान हिमालय पर्वत से संजीवनी ले आते वक्त यहां रुके थे।
शिमला की सबसे ऊंची चोटी
8048 फीट की ऊंचाई पर स्थित जाखू शिमला की सबसे ऊंची चोटी पर है। यहां से शिमला की खूबसूरत वादियों को निहारा जा सकता है। जाखू हिल से हिमालय की खूबसूरती को आत्मसात कर सकते हैं। यहां हनुमानजी का एक प्राचीन मंदिर भी है। इस मंदिर के बाहर बंदर का दिखना शुभ माना जाता है।
जाखू में हैं 108 फीट ऊंचे हनुमान
देवदार के वृक्षों के बीच जाखू स्थित हनुमान मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। यहां देश-विदेश से लोग दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर के पास हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति है।
पूरे प्रदेश में रोपे औषधीय पौधे
इस बार वन विभाग ने 3 दिन चले विशेष अभियान के दौरान 17 लाख 51 हजार 899 पौधे रोपे। इनमें बड़ी मात्रा में औषधीय पौधे रोपने का दावा किया। अब जाखू मंदिर के आसपास दुर्लभ जड़ी-बूटियां लगाई जाएंगी।
सरकार ने तय किया है कि शिमला के जाखू क्षेत्र को संजीवनी पार्क बनाया जाएगा। इसमें दुर्लभ जड़ी- बूटियां रोपी जाएंगी। इस योजना को जल्द धरातल पर उतारा जाएगा। -गोविंद सिंह ठाकुर, वन मंत्री, हिमाचल प्रदेश
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