पेट्रोल-डीजल नहीं, अब इलेक्ट्रिक गाड़ियों में सफर करेंगे सरकारी अधिकारी; फरवरी में शुरू होंगे 17 चार्जिंग स्टेशन
पर्यावरण को स्वच्छ बना कर राजस्व में कटौती करने की दिशा में राज्य के सरकारी महकमें भी अब अहम भूमिका निभाएंगे। में अधिकारी अब पैट्रोल व डीजल नहीं बल्क ...और पढ़ें

अनिल ठाकुर, शिमला।Himachal News: पर्यावरण को स्वच्छ बना कर राजस्व में कटौती करने की दिशा में राज्य के सरकारी महकमें भी अब अहम भूमिका निभाएंगे। सरकारी विभागों में अधिकारी अब पैट्रोल व डीजल नहीं बल्कि ई वाहनों (E-vehicle in government department For Employee) में सफर करेंगे।
सात विभागों ने 111 ई-गाड़ियों की डिमांड की
परिवहन विभाग ने ई टैक्सी (E-Vehicles) योजना के तहत सरकारी विभागों से भी आवेदन मांगे थे। इसमें उनसे पूछा गया था कि वे क्या ई वाहन को हायर करना चाहते हैं। अभी तक विभाग के पास 7 विभागों से 111 वाहनों की डिमांड पहुंची है। इनमें सबसे ज्यादा 56 वाहन जल शक्ति वाहन से मांगे गए हैं।
सरकार ने हटाए 15 साल पुराने वाहन
दरअसल सरकार ने 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को संचालन से हटा दिया है। इनके पंजीकरण रद्द होने के बाद इनके स्थान पर अब नए वाहनों को शामिल किया जा रहा है। ऐसे में ये डिमांड एक साथ आई है। सरकार ई वाहनों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तैयार कर रही है ताकि चार्जिंग की कोई दिक्कत पेश न आए।
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परिवहन विभाग ने की थी 80 लाख की बचत
परिवहन विभाग ने सबसे पहले अधिकारियों के लिए 12 ई गाड़ियां खरीदी। विभाग ने एक साल के भीतर गाड़ियों की मेंटिनेस, डीजल व पैट्रोल के खर्चे को जोड़कर करीब 80 लाख की बचत की है। जिसके बाद अन्य विभाग भी ई गाड़ियां खरीद रहें है।
किस विभाग से कितनी ई गाड़ियों की डिमांड
विभाग का नाम, गाड़ियों की डिमांड
- वन- 4
- जल शक्ति विभाग- 56
- चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान-12
- पंचायतीराज विभाग 1
- पुलिस- 3
- ग्रामीण विकास विभाग- 20
- परिवहन- 15
- कुल- 111
फरवरी में शुरू होंगे 17 चार्जिंग स्टेशन
राज्य सरकार अब ई वाहनों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में जुट गई है। प्रदेश में 17 ईवी यानि इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन फरवरी में शुरू हो जाएंगे। पैट्रोल पंप पर ही ये चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं। 36 पैट्रोल पंप जिनमें आईओसी, भारत पैट्रोलियम के पंप है में भी चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। 55 चार्जिंग स्टेशन सरकारी विभागों में बनाए जाएंगे। इसके लिए काम शुरू कर दिया है।
हिमाचल में अभी 2811 ई वाहन
ई-वाहन हालांकि अभी काफी मंहगे हैं, बावजूद इसके लोग इन वाहनों को खरीद रहे हैं। प्रदेश में कुल वाहन 2811 ई वाहन है। इनमें सबसे ज्यादा स्कूटी है।पिछले छह महीने के भीतर ई वाहन पंजीकरण में बढ़ोतरी हुई हैं।
2025 तक ई वाहनों का हब बनाने का है लक्ष्य
राज्य सरकार का लक्ष्य 2025 तक हिमाचल को इलेक्ट्रिक वाहनों का हब बनाने का लक्ष्य है। इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई तरह की छूट देने का निर्णय लिया है। सरकार हाल ही में ई-व्हीकल पॉलिसी व स्क्रैप पॉलिसी लागू की गई है। पुराना वाहन स्क्रैप करने के बाद ई-वाहन खरीदने के बाद इनके पंजीकरण पर छूट दी जाती है।
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उप मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
ई वाहनों के लिए सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है। 17 ई चार्जिंग स्टेशन फरवरी महीने से काम करना शुरू कर देंगे। इसके अलावा सरकारी विभागों में भी 54 ई चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। ई वाहन खरीद के लिए सरकार कई तरह का अनुदान भी दे रही है। -मुकेश अग्निहोत्री, उप मुख्यमंत्री

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