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    Himachal: फॉरेक्स ट्रेडिंग धोखाधड़ी मामले में पांच आरोपियों को मिली जमानत, HC ने 50 हजार रुपए के निजी व जमानती मुचलके पर दी रिहाई

    Updated: Wed, 10 Jan 2024 01:45 PM (IST)

    Himachal फॉरेक्स ट्रेडिंग धोखाधड़ी के पांच आरोपितों को प्रदेश उच्च न्यायालय ने पचास हजार रुपए के निजी व जमानती मुचलके पर जमानत प्रदान कर दी है। न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह के न्यायालय ने आरोपित केवल कृष्ण चंद्रमोहनचमन लालरमेश चंद व जितेंद्र कुमार की जमानत याचिका पर बुधवार को अपना निर्णय सुनाया। न्यायालय ने पहली व तीन जनवरी को सुनवाई के बाद जमानत याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रखा था।

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    Himachal: फारेक्स ट्रेडिंग धोखाधड़ी के पांच आरोपियों को मिली जमानत

    जागरण संवाददाता, मंडी। फॉरेक्स ट्रेडिंग धोखाधड़ी के पांच आरोपितों को प्रदेश उच्च न्यायालय ने पचास हजार रुपए के निजी व जमानती मुचलके पर जमानत प्रदान कर दी है। न्यायालय की अनुमति के बिना पांचों देश से बाहर नहीं जा पाएंगे। पांचों को अपने पासपोर्ट पुलिस को सौंपने होंगे। जांच में पुलिस को सहयोग करना होगा।

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    गवाहों को प्रभावित करने या साक्ष्य से छेड़छाड़ करने की सूरत में पुलिस उनकी जमानत रद करवाने के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन कर सकती है। न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह के न्यायालय ने आरोपित केवल कृष्ण, चंद्रमोहन,चमन लाल,रमेश चंद व जितेंद्र कुमार की जमानत याचिका पर बुधवार को अपना निर्णय सुनाया। न्यायालय ने पहली व तीन जनवरी को सुनवाई के बाद जमानत याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रखा था।

    बचाव पक्ष ने दी यह दलील

    बचाव पक्ष के अधिवक्ता नरेंद्र सिंह गुलेरिया, सुरेंद्र सकलानी व बीएस बलियान ने न्यायालय के पक्ष दलील दी थी कि पांचों आरोपितों का फारेक्स ट्रेडिंग धोखाधड़ी से कोई लेना देना नहीं है। दिल्ली का रहने वाला चंद्रमोहन क्यूएफएक्स ट्रेड लिमिटेड कंपनी के जीरकपुर मुख्यालय में कर्मचारी था। वह निवेशकों को कंपनी के तीन निदेशकों राजेंद्र सूद,संतोष कुमार व विनीत कुमार से बैठक करवाने का काम देखता था। ऊना का रहने वाला केवल कृष्ण,जोगेंद्रनगर का रमेश चंद, चमन लाल व जितेंद्र कुमार निवेशक थे। तीनों निदेशक फारेक्स ट्रेडिंग का फर्जी कारोबार चला रहे हैं, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। करीब 250 करोड़ रुपये की फारेक्स ट्रेडिंग धोखाधड़ी में बल्ह पुलिस ने नवंबर में सात लोगों को गिरफ्तार किया था।

    पांचों ने उच्च न्यायालय में दायर की थी याचिका

    इसमें मुख्य आरोपित राजेंद्र सूद की पत्नी नीतू सूद व सॉफ्टवेयर बनवाने वाला अंबाला का दिनेश चोपड़ा भी शामिल हैं। दोनों अभी न्यायिक हिरासत में हैं। निचली अदालत से जमानत याचिका रद होने पर पांचों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। चार आरोपित मुख्य ब्रोकर थे। इन्हें एक से डेढ़ करोड़ रुपये कमीशन के रूप में मिले है। तीनों निदेशक राजेंद्र सूद,विनीत कुमार व संतोष कुमार दुबई भाग गए हैं। पुलिस उनके विरुद्ध लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है। आरोपितों के विरुद्ध थाना बल्ह में नेरचौक के रहने वाले एक व्यक्ति ने करीब 12.90 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का केस दर्ज करवाया था।

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