नहीं जानकारी कैसे इस्तेमाल करें अग्निशमन यंत्र
सिविल अस्पताल ठियोग में आग लगने से निपटने के लिए यंत्र लगाए गए हैं। इन अग्निशमन यंत्रों का इस्तेमाल करना कर्मचारी नहीं जानते हैं।

सुनील ग्रोवर, ठियोग
सिविल अस्पताल ठियोग में आग लगने से निपटने के लिए यंत्र लगाए गए हैं। इन अग्निशमन यंत्रों को इस्तेमाल करने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश से अधिकतर कर्मचारी अनभिज्ञ हैं। अस्पताल के वार्ड भवन के धरातल मंजिल के माृत-शिशु वार्ड में दो, महिला और पुरुष वार्ड में दो, आपरेशन थियेटर वाली मंजिल में छह किलोग्राम के दो-दो आग बुझाने के यंत्र हैं।
ओपीडी वाले भवन में चार, लैब और एक्स-रे वाले भवन में दो-दो आग बुझाने के यंत्र लगाए गए हैं। अस्पताल में आग लगने की स्थिति पर उससे निपटने के लिए इन उपकरणों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण सभी नर्सो, डाक्टरों और अन्य स्टाफ को दिया गया था। एक साल बीत जाने के बाद अधिकतर कर्मचारी प्रशिक्षण के दौरान दी गई जानकारी को भूल चुके हैं। अस्पताल में आग से निपटने के लिए फायर फाइटर प्वाइंट भी नहीं है। आग लगने की स्थिति में आग बुझाने का काम यही आग बुझाने के यंत्र करेंगे। अग्निशमन यंत्र चलाने के लिए सुरक्षा कर्मचारी पर निर्भर
वार्ड सिस्टर शर्मीला शर्मा ने बताया कि वह आपातकाल में आग बुझाने के यंत्र को चलाकर आग पर काबू पाने में सक्षम हैं। वहीं, सबसे संवेदनशील लैब के कर्मचारी अग्निशमन यंत्र चलाने के लिए सुरक्षा कर्मचारी पर निर्भर हैं। इन परिस्थितियों में सिविल अस्पताल में आग लगने की स्थिति में कर्मचारियों को प्रशिक्षण की कितनी सख्त जरूरत है, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। बिजली से लगने वाली आग पर पानी वाले यंत्र का इस्तेमाल सही नहीं
सरकारी कार्यालयों में लगे यंत्र धातु, लकड़ी, कोयला गैस से लगने वाली आग पर काबू करने में सक्षम होते हैं। ये यंत्र फोम, पानी और कार्बनडायक्साइड गैस युक्त होते हैं जो सभी प्रकार की आग बुझाए जाने के लिए इस्तेमाल होते हैं। कर्मचारियों को किस प्रकार की आग के लिए कौन सा यंत्र इस्तेमाल करना है, इसकी जानकारी बहुत जरूरी है। बिजली से लगने वाली आग पर पानी वाले यंत्र इस्तेमाल करने से आग लगने और करंट लगने की स्थिति में नुकसान अधिक होने की आशंका बनी रहती है। लगाए जाएंगे नए उपकरण
अस्पताल में आग लगने की स्थिति से निपटने के लिए सभी जरूरी उपकरण हैं। उपकरणों के इस्तेमाल के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर लगाए जाते हैं। अस्पताल के नए भवन में फायर फाइटर प्वाइंट लगने से अधिक सुरक्षा मिलेगी और पुराने भवन को इसी से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। फायर कमेटी द्वारा आडिट करवाया जा रहा है। सभी मंजिलों में जरूरत के हिसाब से नए उपकरण लगाए जाएंगे।
-दलीप टेक्टा, प्रभारी, सिविल अस्पताल ठियोग।
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