फागली स्कूल बनेगा उत्कृष्ट विद्यालय, सुविधाओं पर खर्च होंगे 44 लाख
राजधानी शिमला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला फागली सहित जिले के आठ स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय बनाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला फागली सहित जिले में आठ स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय बनाया जाएगा। शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय ने इसका प्रस्ताव तैयार कर अंतिम मंजूरी के लिए शिक्षा निदेशालय को भेज दिया है। शिक्षा निदेशालय प्रदेश के सभी जिलों का एक विस्तृत प्लान बनाकर सरकार को भेजेगा। अंतिम फैसला राज्य सरकार लेगी।
राज्य सरकार की स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत इन स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। इन स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने के लिए राज्य सरकार 44-44 लाख रुपये का बजट जारी करेगी। योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में एक स्कूल को उत्कृष्ट विद्यालय बनाया जाएगा। इसमें किसी तरह का विवाद न हो इसके लिए विभाग ने स्कूलों के चयन के लिए विधायकों से भी विचार-विमर्श किया है। जिले के आठ स्कूलों को मिलेगा उत्कृष्ट विद्यालय का दर्जा
शिमला जिले में आठ स्कूलों का दर्जा बढ़ाकर उत्कृष्ट विद्यालय का किया जाएगा। पिछले साल जिन स्कूलों का चयन इस योजना के तहत किया गया था वहां पर बेहतर कार्य हुए हैं। इन स्कूलों का नाम उत्कृष्ट विद्यालय तो रहेगा लेकिन इस योजना के तहत अब कोई ग्रांट नहीं मिलेगी। विभाग का कहना है कि योजना का मकसद स्कूलों में मूलभूत सुविधा को बढ़ाना है। जिन स्कूलों को बजट जारी हो चुका है उन्हें दोबारा बजट देने के बजाय दूसरे स्कूलों को बजट दिया जाएगा ताकि वहां पर भी मूलभूत सुविधाएं बढ़ाई जा सकें।
यह होंगे काम
उत्कृष्ट विद्यालयों में स्कूल भवन का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके अलावा आइसीटी लैब बनाई जाएगी। स्मार्ट क्लासरूम, शौचालय का निर्माण, माडर्न लाइब्रेरी सहित अन्य तरह की सुविधा होगी। हर हेड के लिए बजट सुनिश्चित किया जाएगा। स्कूलों को इसी तरह से पैसा खर्च करना होगा। इन स्कूलों को मिलेगी ग्रांट
जिन स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय के लिए चयनित किया गया है उसमें शिमला शहरी में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला फागली, चौपाल का देहा, कोटखाई का कलबोग, कसुम्पटी का चियोग, रामपुर का झाखड़ी, चिड़गांव, कुमारसैन और खटनोल स्कूल शामिल हैं। शिमला जिले के आठ स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय बनाया जाएगा। इसका प्रस्ताव तैयार कर शिक्षा निदेशालय को भेज दिया है। मंजूरी आने के बाद प्रत्येक स्कूल पर 44-44 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
अशोक शर्मा, शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिमला।
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