Himachal News: पांच वर्ष ही राजनीति कर पाएंगे कर्मचारी नेता, सीएम सुक्खू ने फाइल पर किए हस्ताक्षर; सख्ती से लागू होगा नियम
हिमाचल सरकार तीन जून 2022 के नियमों को सख्ती से लागू करने जा रही है। तीन जून 2022 को अधिसूचित कर्मचारी कंडक्ट रूल में स्पष्ट किया है कि कोई भी कर्मचारी अधिकतम पांच साल या दो टर्म के लिए ही किसी संगठन का पदभार संभाल सकता है। इस संबंध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फाइल हस्ताक्षरित कर दी है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल का सरकारी कर्मचारी अब पांच वर्ष तक ही किसी कर्मचारी संगठन का पदाधिकारी रह सकेगा या दो बार ही संगठन में दायित्व संभालेगा। देखने में आता है कि सरकारी नौकरी में आने के बाद कई कर्मचारियों को राजनीति करने का काम रहता है। ऐसे कर्मचारी विभिन्न पदों पर रहते हुए सेवानिवृत्ति तक संगठन की राजनीति करने में व्यस्त रहते हैं।
सख्ती से लागू होगा नियम
कई नेता अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ हो या विभागीय कर्मचारी संगठनों में सक्रिय रहते हैं। अब प्रदेश सरकार तीन जून, 2022 के नियमों को सख्ती से लागू करने जा रही है। तीन जून 2022 को अधिसूचित कर्मचारी कंडक्ट रूल में स्पष्ट किया है कि कोई भी कर्मचारी अधिकतम पांच साल या दो टर्म के लिए ही किसी संगठन का पदभार संभाल सकता है।
कोई भी सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त होने तक राजनीति नहीं कर पाएगा
इस संबंध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फाइल हस्ताक्षरित कर दी है। अब फाइल अधिसूचित होने के लिए कार्मिक विभाग के पास पहुंची है। हालांकि गुरुवार सायं तक कार्मिक विभाग से फाइल को अंतिम स्वीकृति नहीं मिल पाई थी। जैसे ही कार्मिक विभाग की ओर से कर्मचारियों के कंडक्ट रूल लागू होंगे, कोई भी सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त होने तक राजनीति नहीं कर पाएगा।
कर्मचारी चाहे तो पांच साल तक या फिर किसी संगठन में दो बार ही संगठनात्मक दायित्व ग्रहण कर पाएगा। काम कम, राजनीति अधिकहजारों कर्मचारी ऐसे हैं जो विभागीय कार्य करने के बजाय नेतागिरी करने में अधिक दिलचस्पी लेते हैं।
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कर्मचारियों का एक समूह ऐसा भी है, जो हमेशा फाइलों में दबा रहता है
परिणामस्वरूप कर्मचारियों का एक समूह ऐसा भी है, जो हमेशा फाइलों में दबा रहता है। शिक्षा विभाग में हर श्रेणी के कर्मचारी संगठन हैं और समानांतर कर्मचारी संगठन भी गतिविधियां चलाते हैं। सरकार से मान्यता प्राप्त संगठन हों या फिर स्वयभूं कर्मचारी संगठन, प्रत्येक संगठन कर्मचारियों का हितैषी बताकर हमेशा अनावश्यक तौर पर गतिविधियां चलाते रहते हैं।
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