साहब, टैक्सी तो दे दी..चलाएं कैसे
राज्य ब्यूरो, शिमला : इलेक्ट्रिक टैक्सियों को मुख्यमंत्री ने शनिवार को लोगों की सुविधा के ि
राज्य ब्यूरो, शिमला : इलेक्ट्रिक टैक्सियों को मुख्यमंत्री ने शनिवार को लोगों की सुविधा के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया। वहीं, इन टैक्सियों के चालकों ने मात्र 200 मीटर से भी कम दूरी पर पुलिस मुख्यालय से पीछे लाइन में सभी 11 टैक्सियों को खड़ा कर दिया। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के चालकों ने एक के बाद एक अधिकारियों को फोन करने शुरू कर दिए कि अब वे कहां जाएं? इन टैक्सियों का तो सिस्टम ही अलग है। न कोई प्रशिक्षण दिया गया है कि आखिर ये टैक्सियां चलेंगी कैसे और इन्हें पार्क गियर में करना है या फिर न्यूट्रल।
मुख्यमंत्री और लोगों को दिखाने के लिए एचआरटीसी के अधिकारियों ने इलेक्ट्रिक टैक्सियों को बिना चालकों को प्रशिक्षण के शुरू कर दिया है जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। शिमला में पुलिस मुख्यालय से पीछे पार्क की गई इलेक्ट्रिक टैक्सी के चालकों ने बताया कि उन्हें सचिवालय से रवाना तो कर दिया लेकिन पता ही नहीं है कि जाना कहां है। एक चालक ने खड़ी गाड़ी का गेयर बदलने की नॉब को न्यूट्रल कर दिया और कहा कि यह गाड़ी न्यूट्रल पार्क होती है। दूसरे चालक ने उसे दोबारा गियर में बदल दिया और कहा कि अभी गाड़ी चल पड़ेगी। चालक ने बताया कि उसे टैक्सी थमा दी है लेकिन प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। टिकट काटने को लेकर भी कुछ पता नहीं है। न ही टिकट काटने की मशीन का प्रशिक्षण दिया गया है। अब अधिकारियों को फोन कर पूछ रहे हैं कि करना क्या है। मुख्यमंत्री को दिखाने के लिए एक-दो टैक्सियों में रूट के बोर्ड लगाए गए थे जबकि उनमें चालक शिमला डिपो के न होकर अन्य जिलों के डिपो के थे। उन्हें यह भी नहीं पता था कि उनके जिलों में टैक्सी चलानी है या फिर शिमला में।
जल्द मिलेगा प्रशिक्षण
इलेक्ट्रिक टैक्सी चालकों को जल्द प्रशिक्षण दिया जाएगा। करीब चार से पांच दिनों के प्रशिक्षण के दौरान गाड़ी को चार्ज करने की प्रक्रिया सहित बैटरी को कब चार्ज करने की आवश्यकता होगी, टिकट काटने की मशीन का प्रशिक्षण और गियर की सारी प्रकिया की जानकारी दी जाएगी। इलेक्ट्रिक टैक्सी सामान्य गाड़ी बिल्कुल अलग है।