हिमाचल: सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से अंग्रेजी माध्यम में होगी पढ़ाई, शिक्षा को लेकर सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक नया कदम उठाया है। शैक्षणिक सत्र 2026-27 से कक्षा 6 में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू होगी। छात्रों को सामाजिक अध्ययन विषय चुनने का विकल्प मिलेगा। यह निर्णय सरकारी स्कूलों से छात्रों के पलायन को रोकने और शिक्षा में सुधार लाने के लिए लिया गया है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। शिक्षा में गुणात्मक सुधार की दिशा में आगे बढ़ रही राज्य सरकार ने एक और अहम निर्णय लिया है। राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा-6 में अब अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होगी। शैक्षणिक सत्र 2026-27 से इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा।
निदेशक स्कूल शिक्षा विभाग आशीष कोहली की अध्यक्षता में बीते 12 सितंबर को आयोजित बैठक में इस मामले पर विस्तृत चर्चा की गई थी। बैठक में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के सचिव भी उपस्थित थे।बैठक में यह निर्णय ले लिया है।
विभाग ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को अंग्रेजी माध्यम में ही किताबें प्रकाशित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार कक्षा-6 में छात्रों को सामाजिक अध्ययन (सोशल स्टडीज) विषय को अंग्रेजी या हिंदी माध्यम में चुनने का विकल्प मिलेगा।
स्कूल शिक्षा निदेशक की ओर से सभी जिलों के उप निदेशकों को इस संबंध में पत्र भी जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि नए शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों को जो निश्शुल्क किताबें वितरित की जानी है उसकी डिमांड इसी तरह से दें। यानि बच्चों से पूछ लें कि वह सामाजिक विज्ञान विषय को किस माध्यम में पढ़ना चाहते हैं।
2024 में कक्षा-1 में अंग्रेजी माध्यम किया था शुरू
वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने कक्षा-1 में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करने का निर्णय लिया था। वर्ष 2024 में कक्षा 1 से 5 तक सभी कक्षाओं में अंग्रेजी माध्यम को लागू करने का निर्णय लिया। इस साल यानी 2025-26 से ये व्यवस्था लागू की गई थी। अब इसे कक्षा-6 से भी लागू किया जा रहा है। कक्षा-6 के बाद हर साल इसमें एक एक कक्षा शामिल होती रहेगी।
शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
अंग्रेजी माध्यम में पढाने के लिए विभाग कोई अलग से भर्ती नहीं करेगा। जो शिक्षक पहले से पढ़ा रहे हैं उन्हें ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। हालांकि विभाग का कहना है कि टीजीटी व प्रवक्ता पहले से ही अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने के लिए सक्षम है। विभाग के प्रशिक्षण कार्यक्रम साल भर चले रहते हैं। अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने के बारे में भी बताया जाएगा।
ड्रॉपआउट रोकने को लिया है फैसला
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में हर साल बच्चों की संख्या कम हो रही है। हर साल 50 हजार विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में कम हो रहे हैं। इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करवाई जाए।
राज्य सरकार 100 सरकारी स्कूलों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्धता दिलाने पर भी काम कर रही है। निजी स्कूलों का मुकाबला करने और सरकारी स्कूलों से विद्यार्थियों का पलायन रोकने को सरकार की यह पहल कारगर साबित होगी इसका पता आने वाले सालों में लगेगा।
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