शुरू होगी ड्रोन टैक्सी सेवा, कृषि उत्पाद व दवाएं होंगी वितरित
प्रदेश के लोगों को सुदूर क्षेत्रों में कृषि उत्पाद व दवाइयों की आपूर्ति

शुरू होगी ड्रोन टैक्सी सेवा, कृषि उत्पाद व दवाएं होंगी वितरित
-मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रदेश व देश को कुशल कार्य बल उपलब्ध करवाने की पहल
-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा साइंस में नए डिग्री डिप्लोमा पाठ्यक्रम आरंभ
-औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से 243 युवाओं ने ड्रोन से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त किया
राज्य ब्यूरो, जागरण : शिमला
प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों के लोगों को कृषि उत्पाद व दवाओं की आपूर्ति करने के लिए सरकार ड्रोन टैक्सी सेवा शुरू करेगी। यह सेवा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार की आरे से कार्ययोजना बनाई जा रही है। इससे दुर्मम क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पाद और दवाइयों की आपूर्ति करने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में देश को कुशल कार्य बल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सरकार ने अभिनव पहल की है। शुक्रवार को जारी बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खुल रहे हैं। क्षेत्र में कुशल कार्य बल की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। समग्र ड्रोन ईको सिस्टम की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में सरकार ठोस प्रयास कर रही है। ड्रोन प्रौद्योगिकी कृषि, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाती है। ग्रीन हिमाचल विजन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश में ड्रोन प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करना नितांत अनिवार्य है।
ड्रोन टेक्नोलाजी इंटरवेंशन से कृषि और बागवानी क्षेत्रों में आधुनिकीकरण के दृष्टिगत जिला हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा में ड्रोन स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। ड्रोन प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार युवाओं के लिए स्वरोजगार और रोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से वर्ष 2024-25 में 243 युवाओं ने ड्रोन से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त किया है। राज्य में न्यू एज पाठ्यक्रमों का समावेश भी किया जा रहा है। इस दिशा में राजीव गांधी राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय नगरोटा बगवां में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और डाटा साइंस का नया महाविद्यालय, शिमला के प्रगति नगर में अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में सिविल इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स, राजकीय पालिटेक्निक सुंदरनगर में कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग (एआइ एंड मशीन लर्निंग) का डिप्लोमा कोर्स शुरू करने को स्वीकृति प्रदान की है। एआइ और डाटा साइंस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में युवाओं का कौशल उन्नयन कर उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
दो करोड़ रुपये के इनोवेशन फंड की स्थापना होगी
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में नवाचार संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो करोड़ रुपये के इनोवेशन फंड की स्थापना की जाएगी। उसके माध्यम से युवा अपनी नवाचार पहलों को साकार रूप प्रदान कर सकेंगे। घुमारवी में सार्वजनिक निजी भागीदारी व सेल्फ फाइनांसिंग आधार पर डिजिटल यूनिवर्सिटी आफ इनोवेशन, इंटरप्रेन्योरशिप, स्किल एंड वोकेशनल स्टडीज की स्थापना की जाएगी। इस यूनिवर्सिटी के माध्यम से युवाओं के नवाचार और इंटरप्रेन्योरशिप स्किल को निखारा जाएगा। ऐसे प्रयास से हिमाचल निश्चित रूप से देश का आइटी हब बनकर उभरेगा।
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