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    Himachal News: सुक्खू सरकार को लगा करोड़ों का चूना, शराब का कोटा सही ढंग से नहीं हुआ निर्धारित; कैग ने उठाए सवाल

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 06:48 PM (IST)

    कैग की रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश के सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में वित्तीय प्रबंधन, कर भुगतान, और राजस्व संग्रह में क ...और पढ़ें

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    Himachal News: शराब का कोटा सही ढंग से निर्धारित ना होने से लगा करोड़ों का चूना। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। प्रदेश सरकार के विभिन्न सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर कैग ने गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। प्रदेश सरकार की वर्ष 2022 से जुड़ी विभिन्न विभागों की कार्य प्रणाली पर कैग ने तीखी टिप्पणियां की है।

    भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षा की रिपोर्ट शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने सदन में पेश की। कैग ने अपनी रिपोर्ट में एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली, वस्तु एवं कर भुगतान व रिटर्न फाइल करने पर विभागीय निगरानी, राजस्व विभाग, योजना विभाग पर टिप्पणियां की है।

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    रिपोर्ट कहती है कि यदि विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली सही रहती और समय पर राजस्व प्राप्तियां की जाती तो राजस्व नुकसान से बचा जा सकता था।

    अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर उठाए सवाल

    कैग ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। कर एवं आबकारी विभाग द्वारा 55 करदाताओं के सैंपल में से 23 सैंपल व चालान का रिकार्ड प्रस्तुत नहीं किया गया।

    विभागीय अधिकारियों ने 32 आंशिक मामलों का रिकार्ड दिया जिसके फलस्वरूप कार्य क्षेत्र में बाधा उत्पन्न हुई। देखने में आया कि 55 मामलों में से कैग ने 15 मामलों में कमियां पाई। जिनसे 106.56 करोड़ का राजस्व प्राप्त होना था।

    6.29 करोड़ राजस्व हानि

    रिपोर्ट में कर एवं आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। विभाग के अधिकारियों ने राज्य कर एवं आबकारी आयुक्तों के तीन सैंपलों की जांच कार्यालयों में इनपुट टैक्स क्रेडिट का निर्धारण 35 प्रतिशत निर्धारित किया गया। जिसके फलस्वरूप 6.29 करोड़ अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा। सही कार्य प्रणाली से इसे बचाया जा सकता था।

    शराब की न्यूनतम गारंटी कोटे से 5.22 करोड़ का नुकसान

    शराब के आबंटन में 5.22 करोड़ के लाइसेंस शुल्क की हानि हुई है। इसके तहत देसी शराब के लिए 0.99 लाख प्रूफ लीटर व भारत में निर्मित विदेशी शराब के लिए 0.56 लाख प्रूफ लीटर शराब का कम निर्धारण किया गया था।

    इसी तरह से थोक विक्रेता द्वारा बेची गई शराब और उठाई गई शराब के बीच में अंतर होने के कारण 1.26 लाख प्रूफ लीटर भारत में निर्मित विदेशी शराब, 1.38 लाख प्रूफ लीटर देसी शराब एवं 1.16 लाख बल्क लीटर बीयर की संदिग्ध चोरी हुई। जिससे 9.71 करोड़ का लाइसेंस शुल्क कम आया।

    कमजोर था वित्तीय प्रबंधन

    जिला योजना विकास और 20 सूत्रीय कार्यक्रम समीक्षा समिति की नियमित बैठकों का आयोजन न होने एवं धनराशि खर्च होने में व्यवधान पड़ने से नुकसान हुआ है। 20 सूत्रीय कार्यक्रम समीक्षा समिति ने 48 बैठकें प्रस्तावित की थी।

    इसमें से केवल 2 ही बैठकें आयोजित हुई। वित्तीय प्रबंधन कमजोर होने से निर्धारित धनराशि का खर्च नहीं हो पाया। वर्ष 2021-22 की समाप्ति में 6 सैंपल खंड विकास अधिकारियों के पास 12.22 करोड़ की लागत के मौजूद थे। इनका योजना निगरानी सूचना प्रणाली के तहत सही निष्पादन नहीं किया गया।

    22.61 करोड़ बजट डायवर्जन

    योजना विभाग की कारगुजारियों पर प्रश्न उठाते हुए कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य कार्यकारी समिति ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि से धनराशि का उचित उपयोग सुनिश्चित नहीं किया।

    जिसके परिणाम स्वरूप जिला उपायुक्तों द्वारा मरम्मत और निर्माण संबंधित कार्य अस्वीकार हुए। परिणाम स्वरूप 22.61 करोड़ की धनराशि को या तो दूसरी जगह खर्च किया गया या उसका दुरुपयोग हुआ।

    संपत्तियों के बाजार मूल्य का कम निर्धारण किया

    रिपोर्ट में कहा गया है कि गलत सर्कल दरों के आधार पर संपत्तियों का अनुचित मूल्यांकन एवं सड़क से भूमि की दूरी कम मापी गई। इस तरह के गलत शपथ पत्र दिए गए। परिणामस्वरूप 5.37 करोड़ की स्टांप डयूटी का नुकसान हुआ। राजस्व विभाग द्वारा स्टांप डयूटी व पंजीकरण शुल्क का ध्यान नहीं रखा गया।

    ऑनलाइन कोषागार सूचना प्रणाली प्रश्न

    कैग रिपोर्ट में कोषागार विभाग के विभिन्न स्थानों पर साफ्टवेयर के संबंध में कई गंभीर प्रश्न किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आनलाइन कोषागार सूचना प्रणाली साफ्टवेयर राज्य के कोषागारों, उप कोषागारों में भुगतानों की जांच करने के लिए वित्त संबंधित एप्लिकेशन का मूल है।

    इससे कर्मचारियों, ठेकेदारों को इलेक्ट्रानिक सेवाओं से भुगतान किया जाता है। बिल पास करना प्राप्ति के क्रम को संचालित करना है। देखने में आया है कि ये प्रणाली सही ढंग से काम नहीं कर रही है।