हिमाचल में बसों का किराया बढ़ने पर CPIM का हल्ला बोल, सुक्खू सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी
राज्य सरकार द्वारा बस किराए में वृद्धि के विरोध में सीपीआईएम ने एचआरटीसी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। सीपीआईएम नेता संजय चौहान ने इस वृद्धि को आम जनता पर बोझ बताया और सरकार को 28 मई तक इसे वापस लेने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इससे गरीब और मजदूर वर्ग बुरी तरह प्रभावित होगा और सरकार निजी बस ऑपरेटरों को फायदा पहुंचा रही है।

जागरण संवाददाता, शिमला। राज्य सरकार की ओर से न्यूनतम बस किराए और आम किराए में हुई बढ़ोतरी पर सीपीआईएम भड़क गई है। सीपीआईएम ने शुक्रवार को एचआरटीसी मुख्यालय के बाहर किराए में की गई बढ़ोत्तरी को लेकर धरना प्रदर्शन किया।
सीपीआईएम के राज्य सचिवालय सदस्य संजय चौहान ने बस किराए में की गई वृद्धि को आम लोगों पर बोझ डालने वाला करार दिया है। सीपीआईएम ने सरकार को किराया वृद्धि को वापिस लेने के लिए 28 मई तक का समय दिया है और अगर सरकार फैसला वापिस नही लेती है तो सीपीआईएम सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगी।
गरीब लोगों पर पड़ेगा सीधा असर
सीपीआई एम के राज्य सचिवालय सदस्य संजय चौहान ने कहा कि सरकार ने न्यूनतम किराए को दोगुना और आम किराए में 15 फीसदी की वृद्धि की है जिसका सीधा असर आम गरीब, मजदूर, महिला वर्ग पड़ रहा है। पहले ही दूसरे राज्यों से ज्यादा किराया हिमाचल प्रदेश में है।
ऐसे में अब 15 फीसदी की वृद्धि करके सरकार ने गरीबों की कमर तोड दी है। सरकार निजी बस ऑपरेटरों को फायदा पहुंचाने के चक्कर में जनता पर बोझ डाल रही है। यह बर्दाश्त नहीं होगा।
आम जनता पर बोझ डालने का काम किया
उन्होंने कहा कि किराए में हुई बढ़ोत्तरी से राज्य सरकार ने प्रदेश की आम जनता पर बोझ डालने का काम किया है। एक ओर जहां विधायक एवं मंत्रियों के भत्तों को बढ़ाया जाता हैं तो वहीं दूसरी ओर आम किराए में बढ़ोत्तरी से प्रदेश की जनता पर बोझ डाला जा रहा है।
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