जल्द पूरा होगा देश के सबसे लंबे परवाणु-शिमला रोपवे का सपना, अडानी इंटरप्राइजेज ने दिखाई रुचि; 8 चरणों में पूरा होगा काम
सोलन जिले के परवाणु से शिमला तक 38 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण जल्द शुरू होगा। रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को 16 आवेदन मिले हैं। अडानी एंटरप्राइजेज ने भी इस परियोजना में रुचि दिखाई है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर बनने वाले इस रोपवे से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और प्रतिवर्ष 10 लाख पर्यटकों के यात्रा करने का अनुमान है।

अनिल ठाकुर, शिमला। सोलन जिला के परवाणु से शिमला तक बनने वाले 38 किलोमीटर लंबे रोपवे का सपना जल्द साकार होगा। रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आरटीडीसी) इसके लिए निविदाएं मांगी थी। 16 कंपनियों ने इसके लिए आवेदन किया है। शुक्रवार को इस पर निर्णय हो सकता है। इस रोपवे को बनाने के लिए अडानी एंटरप्राइजेज ने भी रुचि दिखाई है।
सूत्रों के अनुसार, अडानी एंटरप्राइजेज के प्रतिनिधियों ने बीते दिनों इसको लेकर आरटीडीसी के प्रबंध निदेशक अजय शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन आरडी नजीम सहित कुछ अन्य अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी। राज्य सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर इस रोपवे को बनाएगी। इस परियोजना पर करीब 6800 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।
आरटीडीसी ने इसके लिए सारी औपचारिकताओं को पूरा कर दिया है। टाटा कंसल्टेंसी से इसकी डीपीआर तैयार करवाई गई है। इस रोपवे के बनने के बाद प्रदेश के हजारों लोग लाभान्वित होंगे तो वहीं सैलानियों को भी शिमला-सोलन के खूबसूरत पहाड़ों को आसमान से निहारने का मौका मिलेगा।
सरकार ने बताया है कि रोपवे बनने के बाद साल में 10 लाख पर्यटक इससे सफर करेंगे। प्रतिमाह कमाई की हिस्सेदारी राज्य सरकार को मिलेगी। ये सारी चीजें टेंडर में तय होंगी।
आठ चरणों में पूरा होगा देश के सबसे लंबे रोपवे का काम
रोपवे का निर्माण कार्य आठ चरणों में पूरा किया जाना प्रस्तावित किया गया है। रोपवे में एक घंटे में 3000 से 5000 लोग सफर कर सकेंगे। इसमें परवाणु-जाबली, जाबली-डगशाई, डगशाई-बड़ोग, बड़ोग-सोलन, सोलन-करोल टिब्बा, करोल टिब्बा-आईटी सिटी वाकनाघाट, आईटी सिटी वाकनाघाट-शोघी,शोघी-तारादेवी मंदिर और तारादेवी मंदिर से तारादेवी आदि स्टेशन होंगे।
परवाणु से शिमला रोपवे के लिए सर्वे कर लिया है। शिमला आने वाले पर्यटकों के लिए कालका शिमला हेरिटेज रेल लाइन के बाद यह पर्यटकों के लिए एक और आकर्षण का केंद्र होगा।

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