बनखंडी चिड़ियाघर का निर्माण तेज, मिली 124 करोड़ की नई फंडिंग; हिमाचल में बन रहा देश का पहला IGBC प्रमाणित जू
कांगड़ा के बनखंडी में 'दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान' का निर्माण प्रगति पर है। यह भारत का पहला आईजीबीसी प्रमाणित चिड़ियाघर होगा। सरकार ने 124 करोड़ रुपय ...और पढ़ें
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124 करोड़ की धनराशि से बनखंडी चिड़ियाघर के निर्माण को गति मिलेगी।
राज्य ब्यूरो, शिमला। कांगड़ा जिले की देहरा विधानसभा क्षेत्र के बनखंडी में 'दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान' का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह भारत का पहला ऐसा चिड़ियाघर होगा, जिसे इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) से प्रमाणन दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 124 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि जारी की है।
अभी तक इस परियोजना पर 250 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और 192 हेक्टेयर में निर्मित हो रहा चिड़ियाघर 619 करोड़ रुपये की परियोजना लागत का है। सरकार का मानना है कि यह परियोजना न केवल प्रदेश के पर्यटन मानचित्र को नया आयाम देगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी।
बनखंडी चिड़ियाघर को आधुनिक सफारी पार्क की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है, जहां प्राकृतिक आवास के करीब वातावरण में वन्य जीवों को रखा जाएगा। परियोजना पूरी होने पर यह उत्तर भारत के बड़े चिड़ियाघरों में शुमार होगी और कांगड़ा घाटी को एक नई पर्यटन पहचान मिलेगी।
बनखंडी चिड़ियाघर को लेकर सरकार की ताजा फंडिंग से यह साफ है कि आने वाले वर्षों में यह परियोजना प्रदेश की अर्थव्यवस्था और पर्यटन के लिए एक अहम केंद्र बनने जा रही है। बनखंडी चिड़ियाघर मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
कब शुरू हुई परियोजना
बनखंडी चिड़ियाघर परियोजना की परिकल्पना पूर्व सरकार के कार्यकाल में की गई थी। योजना को वर्ष 2019 के आसपास सैद्धांतिक मंजूरी मिली। जबकि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर), भूमि चयन और आधारभूत तैयारियों के बाद चरणबद्ध तरीके से निर्माण कार्य शुरू किया गया। मौजूदा सरकार ने इसे प्राथमिकता परियोजना के रूप में आगे बढ़ाते हुए बजट और फंडिंग में निरंतर सहयोग जारी रखा है।
फंडिंग का स्रोत क्या है
बनखंडी चिड़ियाघर परियोजना के लिए मुख्य रूप से राज्य सरकार की ओर से धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही वन एवं पर्यावरण से जुड़े कुछ कार्यों के लिए केंद्रीय योजनाओं और कैम्पा मद के तहत सहयोग भी लिया जा रहा है। हालांकि, कुल निवेश का बड़ा हिस्सा राज्य बजट से ही वहन किया जा रहा है।

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