'शिपकी-ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर करें विचार', CM सुक्खू ने PM मोदी को लिखा पत्र
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से शिपकी-ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने का आग्रह किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि यह मार्ग भारत-तिब्बत व्यापार का महत्वपूर्ण गलियारा रहा है और तिब्बती बौद्ध धर्म से जुड़ा है। किन्नौर क्षेत्र मानसून से कम प्रभावित होने के कारण सुगम है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला स्थित शिपकी-ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा प्रारंभ करने की संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिपकी-ला क्षेत्र वर्तमान सीमाओं से पूर्व भारत-तिब्बत व्यापार का महत्वपूर्ण मार्ग रहा है। उन्होंने कहा कि यह मार्ग तिब्बती बौद्ध धर्म और प्राचीन तीर्थयात्रा पथों के लिए एक सांस्कृतिक गलियारा भी रहा है, जो कैलाश और मानसरोवर के साथ भारत के स्थायी सभ्यतागत संबंधों को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का किन्नौर क्षेत्र अर्ध-शुष्क होने के साथ-साथ स्पीति जैसे वर्षा छाया क्षेत्र में स्थित होने के कारण मानसून की बाधाओं से कम प्रभावित होता है। जिससे वर्ष के अधिकांश समय यह मार्ग सुगम रहता है। उन्होंने कहा कि शिपकी-ला से गरतोक होते हुए दारचेन और मानसरोवर की ओर जाने वाला मार्ग तिब्बत की ओर से नजदीक है।
उन्होंने कहा कि शिपकी-ला अधिक स्थिर और स्पष्ट गलियारा भी प्रदान करता है, जो इस मार्ग को दीर्घकालिक, विश्वसनीय तीर्थयात्रा और सीमापार संपर्क के लिए उपयुक्त बनाता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में रामपुर और पूह के माध्यम से शिपकी-ला तक पहले से ही सड़क सुविधा उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि आधार शिविरों और सहायक बुनियादी ढांचे के केंद्रित विकास के साथ, इस मार्ग को कैलाश मानसरोवर यात्रा ढांचे में निर्बाध रूप से एकीकृत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह किन्नौर के जनजातीय लोगों के उत्थान के लिए भी दूरगामी भूमिका निभाएगा। यह वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमा विकास और पर्यटन के लिए सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि शिपकी-ला मार्ग कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए खोला जाता है तो राज्य सरकार, केंद्र सरकार को हर प्रकार का आवश्यक प्रशासनिक और लाजिस्टिक सहयोग प्रदान करेगी।
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