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    सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद परिजन को मिलेगी ग्रुप-ए की नौकरी? नियमों में सुधार की तैयारी में हिमाचल सरकार

    Updated: Wed, 06 Nov 2024 04:01 PM (IST)

    Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश सरकार ने करुणामूलक आधार पर नौकरी प्रदान करने की व्यवस्था की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति (Cabinet Sub-Committee) का गठन किया है। यह समिति उच्च शैक्षणिक योग्यता के कारण नौकरी मिलने में बाधा को दूर करने के तरीकों पर विचार करेगी। समिति की रिपोर्ट 16 नवंबर को मंत्रिमंडल (Himachal Cabinet) की बैठक में प्रस्तुत करेगी।

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    करुणामूलक आधार पर नौकरी प्रदान करने की व्यवस्था में सुधार की तैयारी

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal News: हिमाचल में सरकारी नौकरी में रहते किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उस परिवार को करुणामूलक आधार पर नौकरी प्रदान करने की व्यवस्था है।

    इस तरह से नौकरी देने में कुछ समय से उच्च शैक्षणिक योग्यता का विषय बाधा बनता रहा है। यदि सरकारी नौकरी में व्यक्ति प्रथम श्रेणी पद पर सेवारत्त था तो उसकी मृत्यु होने की स्थिति में आश्रित परिवार के किसी एक सदस्य को प्रथम श्रेणी पद पर नौकरी मिलनी चाहिए या नहीं। इस संबंध में सरकार ने कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया था।

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    16 नंवबर को सौंपी जा सकती है रिपोर्ट

    इस कमेटी में मंत्री यादविंद्र गोमा और राजेश धर्माणी सदस्य हैं। अब कमेटी की ओर से तैयार रिपोर्ट 16 नंवबर को मंत्रिमंडल की बैठक में रखी जा सकती है। कुछ समय पहले आइपीएस अधिकारी साजू राम की मृत्यु होने के बाद उनके पुत्र को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर प्रथम श्रेणी पद पर नियुक्ति प्रदान की गई थी।

    उसी को आधार लेकर अन्य पात्र लोगों को भी सरकारी नौकरी में स्थान प्राप्त हो सकता है। करुणामूलक आधार पर योग्यता के आधार पर सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में 3234 मामले लंबित पड़े हैं।

    विभागों में 1531 और निगम-बोर्ड में 1703 मामलों में आश्रित उच्च शिक्षा प्राप्त होने के कारण उच्च पदों पर नियुक्तियों की मांग कर रहे हैं।

    16 नंवबर को शिमला स्थित राज्य सचिवालय में सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में बैठक में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए गठित रोगी कल्याण समितियों की शुल्क दरों में कुछ संशोधन किया जा सकता है।

    सिफारिशों को कैबिनेट में रखा जा सकता है

    ताकि रोगियों के कल्याण के लिए राशि एकत्र हो सके। प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी में राजेश धर्माणी और यादविंद्र गोमा सदस्य हैं। इस कमेटी की सिफारिशों को मंत्रिमंडल में रखा जा सकता है।

    इसके अतिरिक्त होम स्टे नीति के नियमों को मंत्रिमंडल बैठक में स्वीकृति के लिए लाया जा सकता है। शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती राज्य चयन आयोग से नहीं करके हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से करवाने का मामला भी आ सकता है।

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