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    Sanjauli Mosque Dispute: संजौली मस्जिद विवाद को लेकर सदन में हो-हल्ला, सीएम सुक्खू और जयराम ठाकुर आमने-सामने

    Updated: Tue, 10 Sep 2024 06:30 PM (IST)

    हिमाचल की राजधानी शिमला में स्थित संजौली मस्जिद विवाद (Shimla Masjid Controversy) थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। मंगलवार को विधानसभा में संजौली मस्जिद विवाद को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुूर आमने-सामने नजर आए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह एक चिंतनीय मामला है। वहीं सीएम सुक्खू ने कहा कि अब हिमाचल में बाहर से आने वालों की वेरीफिकेशन होगी।

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    संजौली मस्जिद विवाद को लेकर सदन में हुई बहस।

    जागरण संवाददाता, शिमला। संजौली मस्जिद विवाद को लेकर विधानसभा में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कानून सर्वोपरी है। कानून तोड़ने व प्रदेश की शांति व्यवस्था भंग करने की इजाजत किसी को नहीं है।

    विधायक हरीश जनारथा ने बुधवार को प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत संजौली में होने वाले प्रदर्शन का मामला विधानसभा में उठाया था। उन्होंने कहा कि बुधवार को भी संजौली में बाजार बंद करने व प्रदर्शन करने का एलान किया गया है, ऐसे में धार्मिक उन्माद फैलने की आशंका है।

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    'बाहरी राज्यों से आने वालों की होगी वेरीफिकेशन'

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एलान किया कि बाहरी राज्यों से कारोबार के सिलसिले में जो लोग आते हैं, उनकी वेरीफिकेशन होगी। सरकार स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाएगी, जिसमें तय किया जाएगा कि तहबाजारी कहां बैठ सकते हैं और कहां नहीं बैठ सकते।

    सरकार इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी गठित करेगी, यदि विधानसभा कमेटी बनानी होगी तो सरकार उसके लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि तहबाजारी के लिए नियम बनाए जाने बेहद जरूरी है। नियम कानून होंगे तभी इस समस्या से छुटकारा मिलेगा।

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    मामला चिंतनीय, कानून व्यवस्था का बन सकता है मुद्दा: जयराम

    नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि बड़ी तादाद में बाहर से लोग अचानक से यहां पर आ रहे हैं। इनकी पृष्ठभूमि का किसी को पता नहीं। इनकी वेरीफिकेशन होना जरूरी है। पूर्व सरकार ने इसे शुरू किया था, अब वैसा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है, जो शिमला ही नहीं पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था का मुद्दा बन सकता है।

    जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री के उस ब्यान पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि हम ऐसे राज्य से जीत कर आए हैं, जहां 95 प्रतिशत से ज्यादा हिंदू आबादी है। ऐसा कहना गलत लोगों को प्रोत्साहन देने वाला है। उन्होंने कहा कि मामला चिंतनीय है व कानून व्यवस्था का मुद्दा बन सकता है।

    नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कमेटी बनाने से मामला लटकता है। लोगों में रोष है और बिना किसी राजनीतिक दल के लोग खुद घरों से निकलकर सड़कों पर आ रहे हैं। इसलिए जल्द समाधान होना चाहिए।

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    सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश: अनिरुद्ध

    पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि कुछ लोग मामले को सामुदायिक रंग देकर सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाहर से कोई व्यक्ति आ रहा है तो उसे रोका नहीं जा सकता मगर, ऐसे लोगों की वेरीफिकेशन होना जरूरी है। इनके लिए एक कानून लाया जाना चाहिए। बाहर से कमाने के लिए कोई आता है तो उसको लाइसेंस तभी मिले जब उसकी पूरी पड़ताल हो जाए।

    कानून व्यवस्था बिगाड़ने की इजाजत किसी को नहीं: पठानिया

    वहीं, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। यह गंभीर मामला है और विधानसभा भी इसका संज्ञान लेगी।

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