Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीएम सुक्खू ने दी चेतावनी, कहा- लूहरी, सुन्नी और धौलासिद्ध बिजली परियोजनाओं का अधिग्रहण कर सकती है सरकार

    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लूहरी सुन्नी और धौलासिद्ध बिजली परियोजनाओं के अधिग्रहण की चेतावनी दी है। उनका आरोप है कि पूर्ववर्ती जयराम सरकार ने इन परियोजनाओं के लिए हुए समझौतों में हिमाचल के हितों को बेचा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड शर्तों को नहीं मानता है तो सरकार इन तीनों परियोजनाओं का अधिग्रहण कर लेगी।

    By Anil Thakur Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Fri, 30 Aug 2024 06:20 PM (IST)
    Hero Image
    लूहरी, सुन्नी और धौलासिद्ध बिजली परियोजनाओं को लेकर सुक्खू सरकार की चेतावनी।

    जागरण संवाददाता, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लूहरी, सुन्नी और धौलासिद्ध बिजली परियोजनाएं यदि शर्ते नहीं मानती तो सरकार इन प्रोजेक्टों का अधिग्रहण कर लेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व की जयराम सरकार के समय इसको लेकर एमओयू साइन हुए। जिसमें हिमाचल के हितों को बेचा गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विधायक केवल सिंह पठानिया द्वारा पूछे सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लुहरी परियोजना का शिलान्यास किया। वे प्रधानमंत्री का मान सम्मान करते हैं। अगर सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड शर्तो को नहीं मानता है तो सरकार इन तीनों परियोजनाओं का अधिग्रहण करेगी।

    उन्होंने कहा कि एनटीपीसी के डुगर परियोजना पर भी यह शर्त लागू होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के इस निर्णय को एसजेवीएन ने कोर्ट में चुनौती दी है। एसजेवीएन 12 फीसदी रॉयल्टी इन परियोजनाओं में देने को लेकर तैयार हुआ है। इसके अलावा भी सरकार की शर्तेे हैं जो पूरी होनी चाहिए। सरकार इसमें किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी, पूरी लड़ाई लड़ी जाएगी।

    उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार ने हिमाचल के हितों को बेचा है। पूर्व सरकार ने जो शर्ते रखी थीं उसमें लूहरी परियोजना में 10 साल बाद 4 फीसदी बिजली रॉयल्टी लेने का प्रविधान किया था। 11 से 25 साल में 8 फीसदी और 26 से 40 साल तक 12 फीसदी रॉयल्टी की शर्त तय की थी। सुन्नी में केवल 12 फीसदी रॉयल्टी का प्रविधान रखा था। धौलासिद्ध में 40 साल तक 12 फीसदी का ही प्रविधान है।

    उन्होंने कहा कि हिमाचल के हित पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। डुगर परियोजना में भी ऐसा ही किया गया है। लाडा व राहत राशि जो प्रोजेक्ट निर्माण के दौरान मिलती है उसका भी प्रविधान नहीं रखा है। 9 फीसदी जीएसटी भी माफ किया गया है। सरकार इन शर्तो को नहीं मान सकती।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल को इन बिजली परियोजनाओं से क्या मिल रहा है। केवल बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं और लोगों की जान माल की हानि हो रही है।

    40 साल बाद वापिस लेंगे प्रोजेक्ट

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि परियोजनाओं से 12 साल तक 12 प्रतिशत, 12 से 30 तक 18 व 30 से 40 तक 30 फीसदी मुफ्त बिजली रॉयल्टी भी चाहिए। 40 साल बाद सरकार इन प्रोजेक्टों को वापिस ले लेगी। विधायक केवल सिंह पठानिया के मूल सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 में एसजेवीएन, एनटीपीसी व एनएचपीसी के प्रोजेक्टों से सरकार को 217 करोड़ का राजस्व हासिल हुआ है।

    इन केंद्रिय एजेंसियों के 8 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इन परियोजनाओं से 2023-24 में कुल 15802.10 मिलीयन यूनिट का बिजली उत्पादन हुआ। इन पावर प्रोजेक्टों से प्रदेश सरकार को बिजली उत्पादन का 12 प्रतिशत निशुल्क बिजली रॉयल्टी का हिस्सा प्राप्त हो रहा है। साथ ही प्रदेश के कुल 4188 लोगों को इनमें रोजगार हासिल हुआ है।