CM सुक्खू गृहमंत्री के समक्ष उठाएंगे चंडीगढ़ में हिमाचल की 7.9% हिस्सेदारी का मामला, NRC बैठक में उठेंगे ये मुद्दे
मुख्यमंत्री सुक्खू जल्द ही गृहमंत्री के सामने चंडीगढ़ में हिमाचल प्रदेश की 7.9% हिस्सेदारी का मामला रखेंगे। इसके साथ ही, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NRC) की बैठक में आपदा प्रबंधन से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने की संभावना है, जिसमें हिमाचल प्रदेश में आपदा से हुए नुकसान और राहत कार्य शामिल हैं।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू उत्तर क्षेत्रीय परिषद (एनआरसी) की 17 नवंबर को सूरजकुंड (हरियाणा) में होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए रविवार को फरीदाबाद पहुंच गए। बैठक में हिमाचल प्रदेश की ओर से इस बार तेवर सख्त रहने के आसार हैं।
पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 के तहत चंडीगढ़ में हिमाचल प्रदेश को 7.9 प्रतिशत वैधानिक हिस्सेदारी मिलनी चाहिए, लेकिन राज्य को अब तक उसका हक नहीं मिला है।
हिमाचल सरकार ने इस मुद्दे को कई बार केंद्र के समक्ष उठाया है, परंतु समाधान नहीं निकल पाया। अब मुख्यमंत्री सुक्खू इस विषय को गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में एक बार फिर पूरी मजबूती के साथ रखने जा रहे हैं।
हिमाचल को उसका अधिकार नहीं मिला
सरकार का कहना है कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश होने के बावजूद पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार हिमाचल की वैधानिक हिस्सेदारी स्पष्ट रूप से निर्धारित है। इसके बावजूद प्रशासनिक एवं वित्तीय हिस्सेदारी को लेकर हिमाचल को उसका अधिकार नहीं मिला है।
अधिकार ही नहीं, क्षेत्रीय संतुलन का भी विषय
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री सुक्खू बैठक में इन दोनों विषयों पर केंद्र से स्पष्ट, समयबद्ध समाधान की मांग करेंगे। प्रदेश सरकार का मानना है कि चंडीगढ़ में हिमाचल की हिस्सेदारी केवल अधिकार का प्रश्न ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय संतुलन और संवैधानिक प्रविधानों के पालन का विषय भी है।
सीमावर्ती राज्यों से जुड़े मुद्दों पर भी होगी चर्चा
एनआरसी बैठक में सीमावर्ती राज्यों से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी, परंतु हिमाचल के लिए चंडीगढ़ हिस्सेदारी और कर्मचारी प्रतिनिधित्व दो प्रमुख प्रश्न रहने वाले हैं।
चंडीगढ़ प्रशासन में कर्मचारियों की हिस्सेदारी का मामला
इसके साथ ही चंडीगढ़ प्रशासन में कर्मचारियों की हिस्सेदारी का मुद्दा भी हिमाचल सरकार उठाएगी। वर्तमान में चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब सरकार के 60 प्रतिशत और हरियाणा सरकार के 40 प्रतिशत कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश को इसमें किसी भी प्रकार की हिस्सेदारी नहीं दी गई है। हिमाचल का तर्क है कि जब अधिनियम के तहत राज्य की भागीदारी तय है तो कर्मचारी संरचना में भी समानुपातिक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
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नहीं हुई मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात
ऐसा माना जा रहा था कि कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, रजनी पाटिल सहित अन्य नेताओं के साथ बैठक होने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन गत रोज मुख्यमंत्री दिल्ली देरी से पहुंचे थे और रविवार को चार बजे फरीदाबाद पहुंच गए। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान नेताओं के साथ बैठक नहीं हो पाई। माना जा रहा है कि सोमवार को देर सांय और मंगलवार को मुलाकात संभव हो सकती है।

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